ब्यावरा अस्पताल में बीते कुछ माह से एक भी ऑपरेशन नहीं होने और अधिकतर प्रसूताओं को रैफर करने से पूरे जिले में महिलाओं के उपचार को लेकर सवाल खड़े हुए थे। इससे प्रदेश के आठ पिछड़े जिलों में राजगढ़ का नाम इसलिए भी जुड़ गया था कि सिविल अस्पताल में प्रसूताओं के उपचार, ऑपरेशन और संस्थागत प्रसव का भी ग्रॉफ गिरा। साथ ही क्लास वन डॉक्टर होने और जिला अस्पताल में एनेस्थैटिक होने के बावजूद सीजर भी नहीं हो रहे। इसे लेकर पत्रिका ने मंगलवार के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद स्वास्थ्य अमला हरकत में आया और सीएमएचओ ने निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ ने अस्पताल में व्याप्त छुटपुट अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए। हालांकि उन्होंने पूरा जोर नीति आयोग के तय 13 बिंदुओं पर फोकस करने पर दिया। प्रसूताओं की संस्थागत डिलिवरी और सीजर के लिए उन्होंने गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. जैन से कहा कि भले ही कितने ही चैलेंजेस हो,लेकिन हमें सीजर करना ही होगा। किसी प्रकार का तर्क एक्सेप्टेबल नहीं है, इट्स माय ऑर्डर और वैसे भी हम किसी पर अहसा नहीं कर रहे यह हमारी ड्यूटी है।
सीएमएचओ ने प्रभारी डॉ. एसएस गुप्ता से कहा कि सर्वाधिक दिक्कते ओपीडी में ही आती है। यहां आपके डॉक्टर आते ही नहीं, आप उन्हें समझा दें कि क्लास वन हो या कोई अन्य डॉक्टर ओपीडी में आना ही होगा, यह उनका काम है। अगर व्यवस्था मैनेज नहीं हो रही तो आप खुद गेट पर बैठ जाइए और आठ बजे अटैंडेंस लगाना शुरू कीजिए। तभी जाकर बात बनेगी।
मैटरनिटी की नर्सों को वेस्ट का ही पता नहीं
सीएमएचओ ने मैटरनिटी की नर्सों से कहा कि आप लोगों को यही नहीं पता कि बॉयोमेडिल वेस्ट कहां डाला जाता है। क्यों आप यहां ड्यूटी कर रहे हो, ये कैसा आप लोगों ने प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने रिकार्ड मैंटेन करने सहित अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए। सभी अटैंडेंस रजिस्टर भी खंगाले जिन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए उनकी अपसेंट लगाई और शोकाज जारी करने के निर्देश दिए।
साथ ही कुछ कर्मचारियों से हाथों-हाथ भी हस्ताक्षर करवाए।
सप्ताह में तीन दिन होगी सोनोग्रॉफी
प्रसूताओं की जांच के लिए अब सिविल अस्पताल में एएनसी (एंटी नेटल चेकअप) क्लीनिक भी खुलेगा। प्रसव से पहले होने वाली इस जांच के लिए शासन ने सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार फिक्स है। ऐसे में ओपीडी के बगल वाले कक्ष में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके जैन और महिला डॉ. शैली गर्ग की ड्यूटी सप्ताह में तीन दिन एएनसी क्लीनिक के लिएलगाने के निर्देश सीएमएचओ ने दिए। इस बीच बाकी के तीन अल्टरनेट दिनों में ही सोनोग्रॉफी होगी। साथ ही गॉयनोकोलॉजिस्ट को प्रति माह की नौ तारीख को लगने वाले पीएम सुरक्षित मातृत्य योजना के शिविर में भी महिलाओं का चेकअप करना होगा।
नीति आयोग के बिंदुओं पर हमने पहले ही काम शुरू कर दिया है। फिर भी जहां कमी होगी हम उन्हें सुधारेंगे। बेहतर मैनेजमेंट से अस्पताल में व्याप्त तमाम कमियां दूर की जाएंगी। ओपीडी के टाइमिंग को लेकर और मैनेज करेंगे।
-डॉ. एसएस गुप्ता, प्रभारी, सिविल अस्पताल, ब्यावरा
हमारा फोकस नीति आयोग का लक्ष्य पूरा करना है। इसके लिए संस्थागत प्रसव और सीजर का ग्रॉफ हम बढ़वाएंगे। प्रसूताओं के प्रतिदिन उपचार की हमने व्यवस्था की है। गायनेकोलॉजिस्ट खुद महीने की नौ तारीख और हर अल्टरनेट-डे महिलाओं का उपचार करेंगे।
-अनुसूया गवली, सीएमएचओ, राजगढ़