राजगढ़

100 से 70 किलो हुआ वजन, जो खड़े नहीं हो पाते थे, अब कर रहे योग

20 साल से नि:शुल्क योग करवाने वाले प्रबुद्धजनों द्वारा हर दिन डेढ़ घंटे योगा की टिप्स दी जाती है

राजगढ़Jun 21, 2018 / 01:19 pm

Ram kailash napit

Senior people and others doing yoga in everyday classes.

राजगढ़/ब्यावरा. रोजमर्रा की व्यस्तता और उलझन भरे जीवन के बीच शहर में समाजसेवियों का एक ग्रुप ऐसा भी है जो लोगों की सेहत का ख्याल रखता है। न सिर्फ ख्याल रखता है बल्कि उन्हें फिट रहने की ट्रेनिंग भी देता है।
20 साल से नि:शुल्क योग करवाने वाले प्रबुद्धजनों द्वारा हर दिन डेढ़ घंटे योगा की टिप्स दी जाती है। डेढ़ घंटे की क्लासेस में बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों को प्रेरित करने वाली ये समाजसेवी नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेहत की फिक्र करते हैं।

21 जून को होने वाले आयोजन फोटो सेशन तक ही सीमित रह जाता है, लेकिन उक्त क्लासेस पिछले 20 साल से रेग्यूलर चल रही हैं। सुबह छह से साढ़े सात बजे तक लगने वाली योगा क्लासेस ने कइयों को बेहतर स्वास्थ्य दिया है। वर्ष-१९९८ से शुरू हुई योगा क्लासेस का कारवां अभी भी सतत जारी है।

अपना नगर स्थित मानस हायर सेकंडरी स्कूल में इससे पहले क्लासेस लगती थीं। वर्ष-२००७ से विवेक सिनेप्लेक्स में क्लासेस लगने लगीं। विवेक सिनेप्लेक्स में योग क्र्रियाएं बताने वाले वरिष्ठ समाजसेवी पुरुषोत्तमदास शिवहरे और संतोखसिंह अजवानी ने बताया कि योग से न सिर्फ व्यक्ति फिट रहता है बल्कि मन और दिमाग भी शुद्ध होता है। मन में शुद्ध ऑक्सीजन के साथ ही सकारात्मक विचार आते हैं।

योग से बन रही है सेहत
नियमित योगा क्लासेस में आने वाले ओम शुक्ला(६५) बताते हैं कि पहले मेरा वजन 100 किलो से ऊपर था, लेकिन रेग्यूलर योगा क्लासेस के बाद अब 70 किलो वजन है। पहले हम कुछ भी खा लेते थे और सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते थे। लगातार योगा करने से पूरा शरीर स्वस्थ है।
थोड़ी सी इच्छा शक्ति और मन बना लेने से बेहतर स्वास्थ्य पाया जा सकता है। योगा क्लासेस में आने वाले वरिष्ठ समाजसेवियों ने शहर के तमाम युवाओं, बुजुर्गों सहित अन्य फिट रहने के लिए नियमित योगा करने का आह्वान किया है। साथ ही विवेक सिनेमा में लगने वाली क्लासेस में भी उन्हें आमंत्रित किया है।
20 वर्ष से योग क्रियाएं सतत जारी है। मेरी बाइपास सर्जरी हो चुकी है और एक्सीडेंट के बाद पांव में भी रॉड डली थी। तमाम प्रकार का एलोपैथिक और अन्य इलाज चला लेकिन नियमित व्यायाम से आज पूरी तरह स्वस्थ्य हूं।
-पुरुषोत्तमदास शिवहरे, प्रमुख योगाचार्यऔर वरिष्ठ समाजसेवी, ब्यावरा
एक साइड का पैरालिसिस आ जाने के बाद मेरे पांव और हाथ जाम हो गए थे। चल-फिर पाना भी मुश्किल हो रहा था, लेकिन जब से योगा कर रहा हूं न सिर्फ चल पा रहा हूं बल्कि तमाम योग क्रियाएं भी विधिवत कर रहा हूं।
-राजाराम पांडव (६५), नियमित योग करने वाले, ब्यावरा

योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान
अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के एक दिन पूर्व बुधवार को प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्था द्वारा योग दिवस पर विशेष आयोजन किया गया। खुजनेर रोड स्थित साहू धर्मशाला में हुए कार्यक्रम में नपाध्यक्ष मंगला गुप्ता, ब्रह्मकुमारी आश्रम प्रमुख मधु दीदी और संस्था मुख्यालय माउंटआबू से आए हेमंत भाई विशेष रूप से मौजूद रहे। मधुदीदी ने कहा कि योग भारत की पुरातन विधा है जिसे अब पूरे विश्व ने माना है।

बस आवश्यकता इस बात की है कि शारीरिक योग के साथ ही मानसिक योग भी उसी तन्मयता से किया जाए। इस मौके पर मौजूद महिलाओं को योग के कुछ क्रियाएं सिखाकर उनका अभ्यास भी करवाया गया। नपाध्यक्ष, हेमंत भाई और विशेष अतिथि पुष्पा सोनी ने कहा कि सभी को अपनी क्षमता अनुसार योग क्रियाओं को दिनचर्या में शामिल करने की अपील की। कार्यक्रम के दौरान संस्था की बालिकाओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी गई।

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