संबल योजना में पंजीयन उन तमाम लोगों ने करवा लिए जिन्हें इसके फायदे समझ आए, लेकिन उसका मापदंड किसी ने देखना उचित नहीं समझा। शासन द्वारा तय मापदंड अनुसार एक हेक्टेयर से कम भूमि वाले हितग्राही, शासकीय सेवा में कोई कार्यरत नहीं होना चाहिए और इनक टैक्स पेयर नहीं होना चाहिए। यदि इन तीन बिंदुओं के आधार पर वे आते हैं तो संबंधित व्यक्ति इस योजना के लिए पात्र होगा। लेकिन चुनावी सीजन में लोगों ने बिना सोचे-समझे पंजीयन करवा लिए और अब सचिव, जीआरएस इनका सत्यापन कर अपात्रों के नाम हटा रहे हैं।
संबल योजना की ही तर्ज पर नया सवेरा में भी प्रसूती सहायता 16 से बढ़ाकर 26 हजार रुपए कर दी गई है। वहीं, मृत्योपरांत अंत्येष्टि सहायता पांच हजार, सामान्य मृत्यु पर दो और एक्सीडेंटल मौत पर चार लाख रुपए देने का प्रावधान है। सरल समाधान योजना के तहत 100 यूनिट तक का बिजली बिल के लिए 100 रुपए देना होंगे इससे ऊपर सामान्य दरों से बिल लगेगा। वहीं, उच्च शिक्षा के लिए पात्र छात्रों को छात्रवृति सहित अन्य पढ़ाई की सुविधा भी इसमें शामिल हैं। बाकी ठेला संचालकों, सफाई कामगारों, पंजीकृत श्रमिकों सहित अन्य को पूरी योजना का लाभ संबल की ही तर्ज पर सहायात मिलेगी।