इस तरह करें पूजा
-घर में मंदिर साफ-सफाई करें।
-सभी देवी-देवताओं का आव्हान करते हुए दीप प्रज्वलित कर लड्डू गोपाल के पूजन आरंभ कर दें।
-लड्डू गोपाल को जल से अभिषेक कर चंदन और भोग लगाएं।
-इसके बाद लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
-रात्रि का इंतजार करते हुए दिन भर कृष्ण मंत्रों का जाप करें।
-रात्रि में 12 बजे भगवान का जन्म दिन मनाएं।
-कान्हा को दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। साथ ही बाल गोपाल की आरती उतारे हुए मंगल गीत गाएं।
दही हांडी पर्व और कान्हा का ऐसा है संबंध
दही हांडी पर्व को मनाने का उद्देश्य कान्हा की बाल लीलाओं को दर्शाना है, बाल गोपाल को माखन और दही बहुत प्रिय था। नटखटा कान्हा अक्सर अपने सखाओं के साथ गोपियों के घर से माखन चुराया करते थे। लड्डू गोपाल की शरारत से तंग आकर गोपियां माखन, दही और घी को रस्सी से ऊंचाई पर टांग दिया करती थी, लेकिन कान्हा की चतुराई के आगे सबकी योजना फेल हो जाती थी। कृष्ण जी अपनी टोली संग पिरामिड बनाकर माखन चुरा लिया करते थे, तभी से दही हांडी की परंपरा निभाई जाती है। मान्यता है कि दही हांडी का उत्सव मनाने से घर में सुख-समृद्धि आती है, साथ ही कृष्ण की विशेष कृपा होती है।
कल मटकी फोड़
राजगढ़ में आज जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा, ऐसे में मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन कल किया जाएगा। राजगढ़ में आयोजित होने वाले मटकी फोड़ को लेकर खिलचीपुर नाका, पारायण समिति, घूमघाटी और पुरा मोहल्ले में आयोजित होगी। जबकि छोटे आयोजन कई जगह होंगे।