पत्नी के साथ मिलकर पीटता था पिता, होस्टल-आश्रम भेज दिया था
थान प्रभारी राजपालसिंह राठौर ने बताया कि पूरे मामले में जांच में सामने आया कि 12 वर्षीय मासूम अरुण के साथ आए दिन सौतेली मां ममताबाई और उसके कहने पर पिता पर्वतसिंह मारपीट करते रहते थे। कुछ माह पहले उसे हॉस्टल छोड़ दिया था, बाद में पड़ोनिया के एक आश्रम रख दिया था। लेकिन आश्रम वालों ने पर्वत को समझाकर बच्चा सुर्फुद कर दिया था लेकिन उसकी पत्नी नहीं मानी। वह कहने लगी या तो ये घर में रहेगा या मैं, यह बोलकर अपने मायके चली गई। बाद में काफी विवाद दोनों में होने लगा। बता दें कि करीब 15 साल पहले पर्वत का ब्याह गांगाहोनी की ममताबाई के साथ हुआ लेकिन पारिवारिक तनाव और आए दिन के विवाद के बाद उसे छोड़ दिया था और तीन साल की उम्र से ही अरुण को पर्वत ने रख लिया। बाद में बिजावन की ममताबाई से उसने शादी की, जिसके दो बच्चे हैं। तभी से इनमें विवाद होने लगा और इस बच्चे को दोनों परेशान करते रहते थे।
हत्या कर बोला- निकाल दिया तुम्हारे रास्ते का कांटा
पूछताछ में आरोपी पवर्त ने बताया कि रोज के विवाद से तंग आकर वह 28 मार्च को होली के दिन काम से लौटने के बाद घर पहुंचा। पूरे गांव के लोग शाम के समय होली की पूजा में लगे थे, तभी वह अपने बच्चे को खेत पर ले गया, जहां गला दबाकर उसे मार डाला। फिर अपनी पत्नी को फोन कर कहा कि मैंने तुम्हारे रास्ते का कांटा निकाल दिया है। फिर अपने चचेरे भाई को कॉल किया। हत्या के बाद वह ब्यावरा की एक धर्मशाला में आकर रुका। परिजनों, रिश्तेदारों को गुमराह करने अगले दिन कहा कि अरुण की मौत खेत पर हो गई, और जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद अरुण की पहली मां ममताबाई निवासी गांगाहोनी ने 30 मार्च को इसकी शिकायत थाने में की तब जाकर मामला हाथ लगा। शिकायत के बाद पुलिस ने मामला गंभीरता से लिया, थाना प्रभारी राजपालसिंह राठौर के नेतृत्व में, एसआई संध्या रघुवंशी, एचसीएम गंगाप्रसाद साहू सहित अन्य साथियों की मदद से केस में सफलता पाई।
थान प्रभारी राजपालसिंह राठौर ने बताया कि पूरे मामले में जांच में सामने आया कि 12 वर्षीय मासूम अरुण के साथ आए दिन सौतेली मां ममताबाई और उसके कहने पर पिता पर्वतसिंह मारपीट करते रहते थे। कुछ माह पहले उसे हॉस्टल छोड़ दिया था, बाद में पड़ोनिया के एक आश्रम रख दिया था। लेकिन आश्रम वालों ने पर्वत को समझाकर बच्चा सुर्फुद कर दिया था लेकिन उसकी पत्नी नहीं मानी। वह कहने लगी या तो ये घर में रहेगा या मैं, यह बोलकर अपने मायके चली गई। बाद में काफी विवाद दोनों में होने लगा। बता दें कि करीब 15 साल पहले पर्वत का ब्याह गांगाहोनी की ममताबाई के साथ हुआ लेकिन पारिवारिक तनाव और आए दिन के विवाद के बाद उसे छोड़ दिया था और तीन साल की उम्र से ही अरुण को पर्वत ने रख लिया। बाद में बिजावन की ममताबाई से उसने शादी की, जिसके दो बच्चे हैं। तभी से इनमें विवाद होने लगा और इस बच्चे को दोनों परेशान करते रहते थे।
हत्या कर बोला- निकाल दिया तुम्हारे रास्ते का कांटा
पूछताछ में आरोपी पवर्त ने बताया कि रोज के विवाद से तंग आकर वह 28 मार्च को होली के दिन काम से लौटने के बाद घर पहुंचा। पूरे गांव के लोग शाम के समय होली की पूजा में लगे थे, तभी वह अपने बच्चे को खेत पर ले गया, जहां गला दबाकर उसे मार डाला। फिर अपनी पत्नी को फोन कर कहा कि मैंने तुम्हारे रास्ते का कांटा निकाल दिया है। फिर अपने चचेरे भाई को कॉल किया। हत्या के बाद वह ब्यावरा की एक धर्मशाला में आकर रुका। परिजनों, रिश्तेदारों को गुमराह करने अगले दिन कहा कि अरुण की मौत खेत पर हो गई, और जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद अरुण की पहली मां ममताबाई निवासी गांगाहोनी ने 30 मार्च को इसकी शिकायत थाने में की तब जाकर मामला हाथ लगा। शिकायत के बाद पुलिस ने मामला गंभीरता से लिया, थाना प्रभारी राजपालसिंह राठौर के नेतृत्व में, एसआई संध्या रघुवंशी, एचसीएम गंगाप्रसाद साहू सहित अन्य साथियों की मदद से केस में सफलता पाई।