जानकारी के अनुसार खजूरिया गांव के किसानों ने सरकार से कर्ज माफी सहित अन्य मांगों की नारेबाजी करते हुए गांव के रोड पर ही दूध बहा दिया और प्याज बिखरे दी। करीब घंटेभर तक किसान हंगामा करते रहे और नारेबाजी करते हुए शासन से अपनी मांगें मानने की जिद की। गांव के रामबाबू दांगी ने बताया कि हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन है, लेकिन शासन को हमारी मांगें मानना चाहिए। हमारी उपज के दाम कम हो रहे हैं और मार्केट में महंगाई बढ़ती जा रही है, जिसे लेकर शासन के जिम्मेदार गंभीर नहीं है। करीब एक घंटे तक किसानों ने गांव में ही खूब प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
आज यूनियन निकालेगा बाइक रैली
किसान आंदोलन को गति देने और किसानों के साथ ही आम जनता से अपील करने के लिए किसान यूनियन सोमवार को नरसिंहगढ़ और ब्यावरा में बाइक रैली निकालेगी। रैली के माध्यम से सदस्य किसानों और अन्य से आंदोलन का समर्थन करने की अपील करेंगे। यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि पहले नरसिंहगढ़ और बाद में ब्यावरा में रैली निकाली जाएगी।
किसान आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार को बोड़ा पचोर के रोसला जागीर गांव में हुए विवाद के बाद पुलिस गिरफ्त में आए आंदोलनकारी किसान रविवार को एसडीएम कोर्ट से मिली जमानत के बाद रिहा हो सके। शनिवार को रोसला जागीर में एक दूध विक्रेता के वाहन को रोक कुछ लोगों ने उसमें रखे दूध को सड़क पर ढोल दिया था। इसके बाद वाहन के क्लिनर राजेश की शिकायत पर बोड़ा पुलिस ने विवाद में शामिल राधेश्याम पिता लक्ष्मी नारायण, राजेश पिता कमलसिंह, दिलीप पिता जगन्नाथ, राजेश्याम पिता बद्रीलाल मीणा, नंदकिशोर पिता मांगीलाल जाधव, भगवानसिंह पिता जयराम राठौर, गजेन्द्र पिता विक्रमसिंह गौड़, घनश्याम पिता मोहन चौरसिया, शिवसिंह पिता दूलीचंद्र चौरसिया, कन्हैयालाल पिता हरिसिंह, सुनील पिता शिवनारायण चौरसिया को धारा १५१ में शांति भंग होने की संभावना को देखते हुए गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद नरसिंहगढ़ के कांग्रेस विधायक ने थाने पर पहुंच इस कार्रवाई के विरोध में धरना देते हुए आंदोलनकारियों को छोडऩे की मांग कहीं थी। बाद में एसपी सिमाला प्रसाद सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर मामला शांत करवाया था। इधर पुलिस ने आंदोलनकारियों को सारंगपुर जेल भेज दिया। जहां से रविवार को सभी को तहसील कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत पर रिहा किया गया।
किसानों ने नारेबाजी कर जनता से मांगा समर्थन
ब्यावरा. एक जून से शुरू हुए किसान आंदोलन की कड़ी में रविवार को किसान यूनियन की ब्यावरा ईकाई के तत्वावधान में स्थानीय पीपल चौराहे पर किसानों की मांगों को लेकर नारेबाजी की। साथ ही किसानों ने समर्थन की अपील भी आम जनता से की।
पुलिस की मौजूदगी में पूरा प्रदर्शन किया गया। बाद में पुलिस ने उन्हें पीपल चौराहे से रवाना किया। इससे पहले शनिवार को भी यूनियन सदस्यों ने मंडी पहुंचकर किसानों से बंद का समर्थन करने की अपील की थी। रविवार को भी सुठालिया बाइपास पर किसान यूनियन के सदस्य माला लेकर पहुंचे और मंडी में उपज लेकर पहुंच रहे किसानों को रोका। किसान यूनियन के अमृतलाल दांगी, रामकिशन दांगी, हरिसिंह दांगी आदि ने बताया कि आंदोलन किसानों की मांगों से संबंधित है और सरकार को सभी मांगों को मानना चाहिए।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस
आंदोलन का असर ब्यावरा सहित जिलेभर में नाम मात्र का रहा। किसान रोजाना की ही तरह शहर आ रहे हैं, दूध-सब्जी की सप्लाई भी सामान्य हो रही है। बावजूद इसके पुलिस पूरी तरह से सख्त है, चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात हैं। पीपल चौराहा, गुड़ चौराहा, इंदौर नाका सहित ग्रामीण क्षेत्रों से शहर को जोडऩे वाले मार्गों पर पुलिस का कड़ा पहरा है। थाना प्रभारी एस. एस. नागर के अनुसार आंदोलन शांतिपूर्ण रहा और पुलिस द्वारा सभी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।