कभी रूलाती कभी हंसाती है प्याज
प्याज एक ऐसी पैदावार है जो कभी किसानों को रुलाती है तो कभी आम आदमी की जेब गरम कर देती है। जब खराब होती है तो सडऩे लगती है किसानों को उसे फेंकनी पड़ती है और जब महंगी होती है तो ढूंढऩे से भी नहीं मिल पाती।
40 से 50 रुपए बिक रहा प्याज
दरअसल, करीब 15 दिन पहले तक पांच से सात रुपए किलो तक बिक रही प्याज के भाव अब आसमान छू रहे हैं। थोक में अब 35 से 40 रुपए किलो तक प्याज बिक रही है। वहीं फुटकर बाजार में प्याज 40 से 50 रुपए किलो तक बिक रही है। हालांकि शादी-ब्याह के सीजन में एक बार की तेजी आती है लेकिन इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ा है। वहीं, उन किसानों को इसका सीधा लाभ नहीं मिल पाया है जिन्होंने उपज रोककर रखी थी। कई किसानों को इसका दोहरा नुकसान भी हुआ। अब सिर्फ फायदा उन्हीं को है जिनके पास पुरानी प्याज कोल्ड स्टोरेज में थी। हालांकि जानकारों की मानें तो इस समय प्याज की कमी देशभर में है, नासिक से भी आवक कम हुई है। साथ ही स्थानीय तौर पर पैदावार भी कम है, इसलिए भी भाव में अचानक बढ़ोतरी हुई है। शादी-ब्याह में अचानक डिमांड बढऩे के कारणभी ऐसा होता है। शादी-ब्याह के सीजन में अचानक प्याज की मांग बढ़ी है, इसी कारणभाव में इजाफा हुआ है।
थ्रिप्स और जलेबी रोग से खराब हुए प्याज
बारिश के दौरान बोए गए रोप और अन्य प्याज की फसल सर्वाधिक बारिश के कारण खराब हुई। माचलपुर क्षेत्र के प्याज उत्पादक कृष्णगोपाल पाटीदार और अन्य जानकारों की मानें तो प्याज में थ्रिप्स और जलेबी रोग लग गया। जिससे बारिश में बोईगईप्याज अब आ नहीं पाई, वह खराब हो गई। सीमित मात्रा में उसकी पैदावार हुई, इसी कारण मार्केट में अचानक से इसके भाव में तेजी आई है। हालांकि जिले के किसानों ने प्याज बाद वाली बोई है, जिसका असर गर्मीके सीजन में देखने को मिलेगा। अपै्रल माह में इसकी बम्पर पैदावार की आशंका है। इससे थोक और खेचरी भाव दोबारा कम हो सकते है।
संभाल नहीं पाए, सड़ी प्याज को फेंकना भी पड़ा
जानकारी के अनुसार, प्याज की फसल का रकबा भी इस बार कम रहा है। साथ ही इस बार जिन किसानों ने खेतों में नासिक प्याज को रोपा और प्याज बोई थी वह भी फेल हो गई। इससे वह खेतों में ही खराब हो गई, सड़ गई। कई प्याज इतनी खराब हुई कि उसे फेंकना पड़ा। इसके पीछे कारण है कि बीते कुछ माह में अत्यधिक बारिश हुई, इस कारण फसल खराब हुई। इसी कारण रकबा प्रभावित हुआ है। साथ ही पैदावार पर भी सीधा असर पड़ा है। हालांकि अभी वर्तमान में जो बोवनी हुई है वह प्याज अप्रैल-मई तक आने वाले हैं, इसके बाद भाव फिर से सामान्य हो सकते हैं लेकिन वर्तमान में ऐसी कोई स्थिति नहीं बन पाई है।
अचानक से बढ़ा है प्याज का भाव
शादियों का सीजन भी एक कारण है और नासिक प्याज की कमी भी थोड़ी है। वहीं, कुछ प्याज खेतों में ही खराब होने से थोड़ी शॉर्टेज आई है। पहले भाव काफी कम (5-6 रु. किलो) था अब बढ़ (40-45) तक हो गया है।
-लक्ष्मीनारायण कुशवाह, थोक सब्जी विक्रेता, ब्यावरा
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बारिश वाली प्याज में दिक्कत आई है
बारिश में बोई गई प्याज में कुछ बीमारी लगने के कारण उसमें दिक्कत आई है। इसलिए थोड़ा उत्पादन प्रभावित हुआ है, लेकिन बाद में बोई गई प्याज काफी है, जिससे आने वाले दिनों में अ'छी पैदावार कीआशंका है।
-पीआर पांडे, उप-संचालक, उद्यानिकी, राजगढ़