उनमें ऑफ सोर्स और फलोदी सहित जैन इरिगेशन कंपनी शामिल है फलौदी और ऑफ सूट्स कंपनी द्वारा 70% से भी ज्यादा काम नेहरों का करा दिया गया है लेकिन बात यदि जैन इरीगेशन की करें तो बहुत ही धीमी गति से उनका यह काम चल रहा है और विभाग की माने तो अभी तक निर्धारित काम की तुलना में 15% भी काम नहीं हो सका लंबे समय से कंपनी का काम रुका हुआ था.
जिसको लेकर मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के माध्यम से जैन इरिगेशन कंपनी को नोटिस थमाते हुए उनका एग्रीमेंट तक निरस्त करने का मामला सामने आया था, लेकिन कुछ प्रक्रिया है बताते हुए एक बार फिर जैन इरिगेशन ने पूरे काम कर पूरा करने का आश्वासन दिया है और इस काम को तेजी से शुरू करने की बात भी कही जा रही है लेकिन पिछले महीने ही शुरू किए गए इस कार्य में अभी भी गति नजर नहीं आ रही इसके पीछे बजट एक बड़ा कारण बताया जा रहा है.
जिसमें बैंक के माध्यम से कंपनी को मिलने वाले लोन में उदासीनता बरती जा रही है जिसके कारण काम थम गया है मोहनपुरा सिंचाई परियोजना में अंडरग्राउंड नहर बिछाने की लागत 975 करोड़ों रुपए है जो बहुत ज्यादा होती है यहां बता दें की जैन इरिगेशन के माध्यम से जो नहर का काम किया जा रहा है.
वह राजगढ़ के चांद बाढ़ क्षेत्र का है जो मोहनपुरा परियोजना के दाएं तरफ से शुरू होती है जबकि कालीपीठ की तरफ ऑफ सोर्स और फलोदी कंपनी काम कर रही हैं जिनका काम जैन इरिगेशन की तुलना में काफी अधिक हो चुका है।
क्यो दिया दोबारा मौका
कंपनी को धीमे कार करने को लेकर विभाग द्वारा नोटिस थमाया गया था और उनका एग्रीमेंट समाप्त किया जा रहा था लेकिन बाद में जब कंपनी ने काम में तेजी लाने का आश्वासन दिया और विभाग से तालमेल बैठाया तो एक बार फिर जैन इरिगेशन को यह नहर बिछाने का काम दिया गया है इसके पीछे कारण बताया जाता है कि यदि नए टेंडर जारी करेंगे तो उसमें लंबा समय बीत जाएगा और काम शुरू होने में एक बार फिर शून्य से शुरुआत होगी ऐसे में एक और मौका कंपनी को दिया गया है।
कंपनी को धीमे कार करने को लेकर विभाग द्वारा नोटिस थमाया गया था और उनका एग्रीमेंट समाप्त किया जा रहा था लेकिन बाद में जब कंपनी ने काम में तेजी लाने का आश्वासन दिया और विभाग से तालमेल बैठाया तो एक बार फिर जैन इरिगेशन को यह नहर बिछाने का काम दिया गया है इसके पीछे कारण बताया जाता है कि यदि नए टेंडर जारी करेंगे तो उसमें लंबा समय बीत जाएगा और काम शुरू होने में एक बार फिर शून्य से शुरुआत होगी ऐसे में एक और मौका कंपनी को दिया गया है।
2022 तक का लग जाएगा समय
परियोजना के अंतर्गत बिछाई जा रही नेहरू को पूरा गांव-गांव तक पहुंचाने में 2022 तक का समय लग सकता है हालांकि इसकी समय सीमा 2021 है ऐसे में विभाग का कहना है निर्धारित समय से ज्यादा समय लगाने पर ठेकेदार को पेनल्टी भी लगाई जाएगी हालांकि जितने गांव में यह पाइपलाइन बिछा दी गई है उनमें लहरों से पानी देना शुरू पहले ही कर दिया जाएगा
परियोजना के अंतर्गत बिछाई जा रही नेहरू को पूरा गांव-गांव तक पहुंचाने में 2022 तक का समय लग सकता है हालांकि इसकी समय सीमा 2021 है ऐसे में विभाग का कहना है निर्धारित समय से ज्यादा समय लगाने पर ठेकेदार को पेनल्टी भी लगाई जाएगी हालांकि जितने गांव में यह पाइपलाइन बिछा दी गई है उनमें लहरों से पानी देना शुरू पहले ही कर दिया जाएगा
काम तेजी से कराना है इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं पहले ठेकेदार को नोटिस थमाया गया था लेकिन एक और मौका इसलिए दिया जा रहा है कि नई टेंडर प्रक्रिया में लंबा समय निकल सकता है वहीं ठेकेदार ने भी तेजी से काम करने का आश्वासन दिया है।
– राणावत प्रशासक राजगढ़
– राणावत प्रशासक राजगढ़