विभागों के फेर में उलझी पुराने बस स्टैंड की सडक़
पुराने बसस्टैंड से कालीपीठ और शहर की ओर जाने वाली सडक़ फिलहाल लोक निर्माण विभाग के अधीन है। जहां से प्रतिदिन हजारों छोटे बडे वाहन होकर गुजरते है। कुछ वर्ष पूर्व लोक निर्माण विभाग ने जिला पंचायत के सामने से लेकर कालीपीठ तक की सडक़ की मरम्मत की निविदा जारी की थी। जिसके बाद खोयरी रोड से लेकर कालीपीठ और जिला पंचायत से लेकर पुराने बसस्टैंड तक की सडक़ा का निर्माण और मरम्मत तो करवा दी गई। लेकिन पुराने बसस्टैंड से लेकर छोटीपुल तक की सडक़ की मरम्मत लोक निर्माण विभाग ओर नगरपालिका के बीच स्वामित्व विवाद के कारण पिछले कई साल से अटकी पड़ी है। सडक़ पर बने गड्डो में भरे पानी और कीचड़ के कारण जहां लोगो को निकलने तक में परेशानी हो रही है। वहीं वाहन चालकों और राहगीरों के बीच रोज विवाद की स्थिति बन रही है।
अतिक्रमण से रूकी प्रधानमंत्री सडक़
राजगढ़-खुजनेर के बीच बसे मवासा गांव को मुख्य सडक़ से जोडऩे के लिए प्रधानमंत्री सडक़ को स्वीकृति मिली है। कुछ माह पूर्व सडक़ का निर्माण भी शुरू हो गया था। लेकिन सडक़ के बीच कुछ स्थान पर अतिक्रमण होने और कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन द्वारा उसे नहीं हटाए जाने के चलते तीन माह से सडक़ का निर्माण अटका पड़ा है। विवाद का हल नहीं होने के कारण ठेकेदार भी काम छोड कर जा चुका है। ग्रामीणों की शिकायत पर खुजनेर टप्पे के नायब तहसीलदार पांच बार मौके पर जा कर अतिक्रमण का पंचनामा तैयार कर चुके है। लेकिन अतिक्रमण नहीं हटा पाए। ऐसे में सडक़ का निर्माण रूका पड़ा है जिसके कारण इस क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को कीचड़ भरी सडक़ को बेहद परेशानी से पार करना पड़ रहा है।
मवासा सडक़ निर्माण के लिए में पांच बार मौके पर जा चुका हूं। वहां कुछ ग्रामीण नाले में कुछ नाले के ऊपर सडक़ बनवाना चाहते है। दोनो ही पक्ष अपनी बात पर अड़े है। बातचीत से हल नहीं निकल रहा अब कानूनी तोर पर कार्रवाई की जाएगी।
देवी सिंह यादव नायब तहसीलदार खुजनेर