बगैर जांचे एक खाते में डाल दिया दो किसानों का भुगतान, इंजीनियर पर लगे आरोप
बगैर जांचे एक खाते में डाल दिया दो किसानों का भुगतान, इंजीनियर पर लगे आरोप

राजगढ़। मोहनपुरा सिंचाई परियोजना में व्यस्क व्यक्तियों को पांच लाख रुपए की राशि का भुगतान पुर्नवास के रूप में किया जा रहा है। इस भुगतान में आए दिन कई तरह की गलतियों की शिकायत आती रहती है। इस बार मामला मांडाखेड़ा गांव के हरिसिंह पिता शिवचरण का है। जिसमें इस नाम के गांव में ही दो व्यक्ति बताए गए है। लेकिन पीडि़त किसान का आरोप है कि यह गलती भूल से नहीं बल्कि जानबूझकर की गई। मुझसे सब इंजीनियर ने पैसे की मांग की थी। लेकिन मैंने यह सब नहीं किया। इसलिए परेशान करने के लिए ऐसा किया और अब नए अवार्ड में नाम जोडऩे की बात कही जा रही है। लेकिन उसके बदले भी मुझसे खर्च करने के लिए कहा गया है। पीडि़त हरिसिंह का खाता नंबर अलग है उसके बावजूद दोनों के नाम का भुगतान बैंक ऑफ इंडिया की बामलाबे शाखा में दर्ज खाता क्रमांक ९९६५१८२१०००३३७५ में डाल दिया।
नजर आता है एक बार राशि डलने के बाद खाता-
यह सूची मोहनपुरा परियोजना से भेजी जाती है। जिसका आंकलन सब इंजीनियर और पटवारी के माध्यम से होता है। लेकिन इसके बाद यह सूची एसडीएम और एसडीएम के बाद एडीएम के पास सूची जाती है। जिसके बाद भुगतान होता है। सही सूची में भी किसान को कई चक्कर लगाने पड़ते है। तब जाकर उनका भुगतान खातों में आ रहा है। लेकिन हरिसिंह ने तो कोई चक्कर भी नहीं लगाया और उसके खाते में एक नहीं दो बार भुगतान कर दिया गया।
दबा दी डेढ़ करोड़ से ज्यादा के फर्जीवाड़े की फाइल-
नाईहेड़ा और बाईहेड़ा गांव में फिल्ड में काम करने वाले सब इंजीनियर संजय श्रीवास्तव ने करीब ५० नाम अधिक जोड़ते हुए उनका अवार्ड पारित करा दिया था। मामले में शिकायत हुई तो यह नाम फर्जी पाए गए। जिन्हें पांच-पांच लाख रुपए का भुगतान किया जाना था। पूरा मामला साफ था। ऐसे में एसडीएम ने संबंधित सब इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर तक के लिए लिखा। लेकिन जब यह फाइल विभाग के कार्यालय पहुंची तो एफआईआर से बचाया जा सके। इसके लिए श्रीवास्तव को मोहनपुरा परियोजना से हटा दिया गया। लेकिन एफआईआर या निलंबन जैसे कोई कार्रवाई सामने नहीं आई और धीरे-धीरे पूरी फाइल ही दब गई। मामले में मोहनपुरा परियोजना के ईई खरे ने बताया कि यह मामला उनसे जुड़ा हुआ नहीं है।
मामला मेरी जानकारी में है। छह दिन पहले ही एसडीएम और हमारे बीच इस संबंध में चर्चा हुई थी। लेकिन आगे की कार्रवाई एसडीएम के माध्यम से ही होगी। क्योंकि भू-अर्जन या मुआवजा संबंधी अधिकार उनको ही है।
एसके जैन, ईई पुर्नवास मोहनपुरा डैम
मामले जैसे ही जानकारी में आया। पूरे दस्तावेज जांचे गए। जो भुगतान किया गया था। वह किसान के खाते में था। ऐसे में अधिक भुगतान जो गया था। उसे रोक लिया गया। अब आवेदक के खाते में ट्रांसर्फर कर दिया जाएगा।
ममता खेड़े, एसडीएम राजगढ़
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