कहां हुआ इलाज!
यह मामला सीधा-सीधा एक्सीडेंट से जुड़ा हुआ था। जिसमें राजदेव, विश्रामसिंह, जमुना गुप्ता सहित छह लोगों को अस्पताल लाया गया था। इन सभी को एलएनटी के अधिकारी निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए ले गए। लेकिन संबंधित अस्पताल ने थाने को सूचना दिए बगैर कैसे सभी का उपचार किया। कहीं न कहीं अस्पताल भी इस मामले में दोषी नजर आता है।
पंजीयन जांच जरूरी
जिस हिसाब से मजदूरों की एमएलसी की सूचना लगते ही कंपनी के अधिकारी सभी मजदूरों को जिला चिकित्सालय से ले गए। सवाल यह है कि आखिर क्यों निशुल्क उपचार की जगह उन्होंने जिला चिकित्सालय में मजदूरों का इलाज नहीं कराया। क्या उनका पंजीयन था या नहीं। यह भी जांच का विषय है।
108 की टक्कर से घायल हुआ ग्रामीण
राजगढ़. रविवार दोपहर पुराने बस स्टैंड पर 108 वाहन की टक्कर से बाल्दिया निवासी एक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीण भंवरलाल तंवर निवासी बाल्दिया पुराने बसस्टैंड पर खड़ा हुआ था। वहां से गुजरी डायल 108 से उसकी टक्कर हो गई। उसे जिला चिकित्सालय ले जाया गया। उस समय अस्पताल में आरोग्य योजना कार्यक्रम चल रहा था। ऐसे में उपचार में कुछ लेटलाली हुई। जबकि दुर्घटना में भंवरलाल को खासी चोंट आई थी। घायल के साथ में आए ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जसंवत गुर्जर के समझाने पर वे शांत हुए।
बताया जा रहा है कि घायल का कोई नहीं है। ऐसे में अन्य ग्रामीण ही उसकी देखरेख करते है। हालांकि दुर्घटना के बाद कांशी निवासी मांगीलाल तंवर जिला चिकित्सालय पहुंचा और भंवरलाल को अपने साथ ले जाने की बात करने लगा। लेकिन वहां मौजूद अन्य ग्रामीणों ने इसका विरोध कर उसे वहां से भगा दिया।