जहां जिला न्यायाधीश और सीजेएम प्रबेंद्र कुमार सिंह की मौजूदगी में विद्यालय के बच्चों को उनके अधिकारों, शाला और परिवार में उनके साथ होने वाले व्यवहार सहित बाल अपराध आदि की विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान जिला सत्र न्यायाधीश ने बच्चों को विभिन्न कानूनों और उनके उपयोग के लिए विधिक सहायता लेने और अपने अधिकारों के साथ दायित्वों के प्रति सजग रहने की सीख दी ।
साथ ही कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती शीर्षक की कविता से बच्चों को श्रेष्ठ कार्यों के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने भी मौजूद न्यायाधीशों से विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासओं का शंात किया। शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी फारूख अहमद सिद्दकी, विद्यालय प्राचार्य नंदकिशोर सोनी, सहित विद्यालय स्टाफ सदस्य, न्यायिक कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद रहे।
छात्रावास में छात्राओं की दी कानूनी जानकारी
मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजगढ़ के मार्गदर्शन में अनुसूचित जाति छात्रावास सुठालिया रोड में शनिवार को नालसा की योजना (जनजातीय अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन) योाजना 2015 के तहत विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया। इस अवसर पर छात्रावास अधीक्षिका ज्योति शाक्यवार, लोकेश नामदेव, संतोष राय सहित छात्राएं भी मौजूद रहीं। शिविर में अध्यक्ष प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश निवेदिता मुदगल ने नालसा की योजना (जनजातीय अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन) योजना 2015 के बारे में विस्तार से बताया।
मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजगढ़ के मार्गदर्शन में अनुसूचित जाति छात्रावास सुठालिया रोड में शनिवार को नालसा की योजना (जनजातीय अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन) योाजना 2015 के तहत विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया। इस अवसर पर छात्रावास अधीक्षिका ज्योति शाक्यवार, लोकेश नामदेव, संतोष राय सहित छात्राएं भी मौजूद रहीं। शिविर में अध्यक्ष प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश निवेदिता मुदगल ने नालसा की योजना (जनजातीय अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन) योजना 2015 के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि भारत में जनजातीय लोगों को न्याय दिलाना सुनिश्चित करना है जिसमें अधिकारों, लाभ, कानूनी सहायता और अन्य विधिक सेवाएं शामिल हैं। ताकि वे सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय के संवैधानिक अधिकार मिल सके। छात्राओं को घरेलू हिंसा, शिशु भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा, साइबर क्राइम की बारीकियां बताईं। यौन उत्पीडऩ, बाल संरक्षण के संबंध में प्रावधान और अन्य अधिनियम के प्रावधानों के बारे में बताया गया।