इन सामग्री के दाम बढ़ने से हुए मटके महंगे
वहीं मटका विक्रेता यादराम, दाताराम, गुरुदयाल आदि का कहना है कि कोरोना के बाद से सभी चीजों के दाम बढ़ गए हैं, जिसके चलते ही मटकों के दाम भी बढ़े हैं। गर्मी को देखते हुए बाजार में मटके की मांग बनी हुई है। मटके के निर्माण के लिए मिट्टी, पैरा व लकड़ी सभी सामग्री खरीदनी पड़ती है, सभी के दामों में बढ़ोतरी हुई है। पहले गांव में ही मिट्टी मिल जाती थी। अब बहरोड़ के पास चार हजार रुपए किराया देकर मिट्टी मंगा रहे हैं। मटका तैयार होने के बाद पकाने के लिए पदाड़ी भी 400 रुपए क्विंटल लेनी पड़ती हैं। इसलिए मटके के दाम भी बढ़ना स्वभाविक है।
पिछले वर्ष से मटके के दाम इस वर्ष ज्यादा
खास बात ये है कि इस बार की गर्मी ने शुरुआती दौर से ही रौद्र रुप दिखाना शुरु कर दिया था जो अब तक चल रहा है। वर्तमान में तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया। मटका खरीदने आए अरविंद ने बताया कि वे दो मटके खरीदने आए थे। मगर अधिक दाम को देखते हुए एक ही मटका खरीद कर ले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि छोटे से मटके की कीमत पहले 50 रुपए होती थी। इस बार 90 रुपए के बिक रहे हैं।