दरअसल, कलेक्टर, एसडीएम, सीएमएचओ सहित अन्य तमाम अधिकारी, जनप्रतिनिधियों की जहन में होते हुएभी पहले अवैधकरने की होड़ मच गई। अब मामले में कार्रवाई भी औपचारिक की गई। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कागजी खानापूर्ति वाली कार्रवाई किस हद तक ठीक है। सीएमएचओ ने पलड़ा झाड़ते हुए ठेकेदार पर एफआईआर के निर्देश दिए और कब्जेधारी इससे दूर हैं। अब जब एसडीएम ने नोटिस चस्पा करवाकर काम रुकवा दिया तो वही ठेकेदार रात में काम करवा रहा था। इससे प्रशासनिक व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं, प्रशासन की कार्यप्रणाली, विश्वसनीयत, निष्पक्षता पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने मौके से कैलाश मालवीय निवासी कोटरीकला, सालिगराम मालवीय निवासी भोपाल, बबूल कुशवाह निवासी बीना, मनोज विश्वकर्मा निवासी भोपाल, लवकुश चौधरी निवासी गौरखपुर, विनोद साहू निवासी छिंदवाड़ा और शिवप्रकाश निवासी भोपाल को मौके से पकड़ा है।
स्पष्ट नहीं किसे नोटिस थमाया
अभी तक प्रशासन यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि आखिर अवैध कब्जे के मामले में किन्हें उन्होंने बुलाया और किसे नोटिस थमाया। हवा में किए गए एफआईआर करने के निर्देश भी हवा हो गए? न किसी पर एफआईआर हुई न ही कब्जेधारियों के नाम सामने आए। पुलिस ने पकड़ा भी तो उन बेगुनाह मजदूरों को जो ठेकेदार के इशारे पर आधी रात को लगे हुए थे।
अभी तक प्रशासन यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि आखिर अवैध कब्जे के मामले में किन्हें उन्होंने बुलाया और किसे नोटिस थमाया। हवा में किए गए एफआईआर करने के निर्देश भी हवा हो गए? न किसी पर एफआईआर हुई न ही कब्जेधारियों के नाम सामने आए। पुलिस ने पकड़ा भी तो उन बेगुनाह मजदूरों को जो ठेकेदार के इशारे पर आधी रात को लगे हुए थे।
मामले में कोई सामने ही नहीं आया, हमने नोटिस दिए थे, आप नायब तहसीलदार से पूछिए? वैसे फिलहाल काम तो रुकवा दिया है न एफआईआर भी हो जाएगी। बैठक में निर्णय होना है फिर तय होगा कि क्या कार्रवाई होगी।
-प्रदीप सोनी, एसडीएम, ब्यावरा
-प्रदीप सोनी, एसडीएम, ब्यावरा
अधिकारियों को लोग बार-बार फोन कर रहे थे तो हमारी टीम जाकर इन्हें ले आई। ये लोग वहां लेटे हुए थे, इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
-डी. पी. लोहिया, टीआई, ब्यावरा
-डी. पी. लोहिया, टीआई, ब्यावरा