बिजली कंपनी के सामने करोड़ों के आंकड़ों की वसूली गांवों से वसूलना एक बड़ी चुनौती है लेकिन वहां दिया गया नेताओं का आश्वासन भी ज्यादा हावी है। चुनाव प्रचार के दौरान और तमाम राजनीतिक सभाओं में किए गए दावों के विपरीत अब जिलेभर के किसानों को उसी दर और टैरिफ के हिसाब से बकाया जमा करना पड़ रहा है जो कि नियमानुसार बिजली कंपनी द्वारा लिया जाता है। अब कुछ जगह किसान सिर्फ इसलिए बिल जमा नहीं किया जा रहा कि हमारा बिल तो सरकार ने माफ कर दिया! वहीं, कुछ जगह बकाया ही इतना हो गया कि वे दे ही नहीं पा रहे। बदलते समय में बदलते वादे-दावों के बीच किसानों का बिजली बिल बढ़ता गया और अब वह लाखों में पहुंच गया है।
लगातार कार्रवाई जा रही है
वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशानुसार डिस्कनेक्शन की कार्रवाई जा रही है। 27 करोड़ रुपए तमाम 131 गांवों में बकाया है। 80 मोटर पम्प जब्त किए जा चुके हैं। मौके पर ही रसीद बनाकर उनसे जुर्माना भी वसूला जा रहा है।
-एम. के. मिश्रा, जेई (ग्रामीण), एमपीईबी, ब्यावरा