राजगढ़/नरसिंहगढ़. जिले में निजी स्कूलों की बाढ़ सी आ रही है। इसी साल करीब 30 स्कूल नए शुरू हुए है, लेकिन यदि मान्यता की बात की जाए तो एक को भी नहीं मिली है, लेकिन सभी में बच्चों को प्रवेश देकर उनकी पढ़ाई शुरू कर दी है। खास बात यह है कि ऐसे मामलों में विभाग को भी पूरी जानकारी है, लेकिन जिस तरह से स्कूलों का संचालन हो रहा है। उसमें विभाग की भी मिलीभगत नजर आ रही है।
आरटीई के तहत नए स्कूलों को मान्यता देने से पहले कई बातों का ध्यान रखना पढ़ता है, लेकिन जिस तरह से जिलेभर के बीआरसी द्वारा स्कूलों की अनुशंसा की जा रही है उसमें बीआरसी की भूमिका भी संदेह में लगती है। आरटीई के अनुसार स्कूल खुद का हो, स्कूल का खुद का मैदान हो, लाइब्रेरी, गेम जोन सहित प्रशिक्षित और डिग्री प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति की गई हो, लेकिन गली मोहल्लों में शुरू हुए स्कूल इनमें से किसी भी नियम का पालन नहीं करते। इसके बाद भी स्कूलों को खोले जाने की अनुशंसा की जा रही है।
एक को भी नहीं मिली मान्यता
भले ही बीआरसी या जिला शिक्षाधिकारी द्वारा अपनी अनुशंसा का पत्र लगाकर स्कूलों को मान्यता के लिए फाइलें भोपाल भेज दी गई हो, लेकिन हकीकत यह है कि एक भी स्कूल को अभी तक मान्यता नहीं मिली है। जबकि नए खोले गए स्कूलों में 50 से लेकर 200 तक बच्चों को प्रवेश मिल चुका है।
शिकायत नोटिस तक सीमित
स्कूलों के खोले जाने और बगैर मान्यता के ही बच्चों को प्रवेश देने की शिकायतें राजगढ़ से लेकर खिलचीपुर और नरसिंहगढ़ जैसे ब्लाकों में हुई, लेकिन अभी तक कही भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में सवाल उठता है कि किस की सह पर नियमों को तोड़कर स्कूलों का संचालन हो रहा है।
नियमों का उल्लंंघन करने वाली संस्थाओं पर हो कार्रवाई
नरसिंहगढ़ में मंगलवार को अशासकीय स्कूल संगठन द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर आरटीई नियमों का उल्लंघन करने वाली शैक्षणिक संस्थाओं पर कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि आरटीई के नियमों का उल्लंघन करते हुए कई संस्थाए बिना मान्यता के स्कूल बोर्ड लगाकर बच्चों को प्रवेश दे रही है, जो नियम विरूद्ध है। साथ ही एक ही संस्था को दो स्थानों पर संचालित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा उन्होंने आरटीई के तहत प्रवेश की तिथि 31 जुलाई तक बढ़ाए जाने की मांग की है।
मान्यता को लेकर पूरी कार्रवाई डीईओ आफिस से होती है। कार्रवाई का अधिकार भी उनको ही है।
रंजीतसिंह चौहान, डीपीसी राजगढ़
जो स्कूल बगैर मान्यता के संचालित हो रहे है। उनके नाम दे। जांच कराई जाएगी। बाद में कार्रवाई होगी।
कर्मवीर शर्मा, कलेक्टर राजगढ