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विद्यार्थियों ने कहा प्रैक्टिकल में पास करने का मांग रहे पैसा

locationराजगढ़Published: Jul 25, 2017 12:05:00 am

Submitted by:

Bharat pandey

हमेशा विवादों में रहने वाली भोज मुक्त ओपन की प्रैक्टिकल परीक्षा में पहले ही दिन हंगामे के हालात बने।


ब्यावरा.
हमेशा विवादों में रहने वाली भोज मुक्त ओपन की प्रैक्टिकल परीक्षा में पहले ही दिन हंगामे के हालात बने।
 सोमवार सुबह राजगढ़ रोड के अभयपुर स्थित निजी कॉलेज (निर्विंध्या महाविद्यालय) में दूर-दराज से परीक्षा देने आए छात्र-छात्राओं ने प्रैक्टिकल के लिए रुपए मांगने का आरोप लगाया। काफी देर चले हंगामे के दौरान मौके पर पुलिस तक बुलाना पड़ी। सोमवार को ब्यावरा के साथ ही जिले व अन्य आस-पास के छात्र भी बीएससी की पै्रक्टिकल परीक्षा देने के लिए। हर बार नकल प्रकरण बनने के कारण इस बार सेंटर जिले के बड़े शहरों में बनाए गए। ब्यावरा के उक्त निजी कॉलेज में बनाए गए सेंटर में भी पहले ही दिन विवाद की स्थिति बनी। छात्रों ने आरोप लगाया कि हम जैसे ही परीक्षा के लिए अंदर गए तो कॉलेज स्टॉफ ने हम से पैसे की मांग की और बोले कि जो पैसे देगा वही प्रैक्टिकल में उत्तीर्ण हो पाएगा। जब छात्रों ने विरोध जताया तो कॉलेज ने परीक्षा स्थगित कर दी। कॉलेज का गेट लगा दिया गया और छात्र बाहर हंगामा करते रहे। जिले के बाहर से आए छात्र खासे परेशान होते रहे।

पुलिस और मीडिया पहुंची तो शुरू हुई परीक्षा
सुबह से ही दूर-दराज के क्षेत्रों से परीक्षा देने आए छात्रों ने करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा किया, उन्हें पुलिस ने भी समझाया, लेकिन बात नहीं बन पाई। जैसे ही मौके पर मीडिया पहुंची हालात सुधरने लगे, कॉलेज प्रबंधन आईडी के आधार पर प्रवेश देने पर राजी हुआ। रुपए मांगने के आरोप, हंगामे और विरोध के बाद आखिर में कॉलेज में परीक्षाएं शुरू हुईं। इस बीच देहात पुलिस की टीम ने भी बच्चों को समझाया।

हमें पहले अंदर प्रवेश दे दिया गया जैसे ही हमने थोड़ा-बहुत लिखा उसके बाद बोला कि रुपए दो। जो रुपए देगा वही प्रैक्टिकल की परीक्षा में पास हो पाएगा।
-ओम नम: परमार, परीक्षार्थी, निवासी शुजालपुर
हमें कॉलेज वालों ने बोला कि एक्सर्टनल से तालमेल बनाना पड़ता है, कुछ तो लेन-देन करना होगी। रुपए दोगे तो ही बात बनेगी, वरना परीक्षा के लिए तीन बार आना होगा।
-संतोष माहेश्वरी, परीक्षार्थी, निवासी तलेन
परीक्षा में हम जैसे ही जाकर बैठे हमें कॉपी दी गई, हस्ताक्षर भी हो गए। बाद में एक नोट जारी किया कि जिन्होंने रुपए नहीं दिए वे बाहर हो जाए। यहां तक कि कॉलेज वालों ने कॉपी छीनकर बाहर कर दिया।
-अर्जुन, परीक्षार्थी, बागली (देवास)
ऐसा नहीं है हमने प्रवेश पत्र देखकर बच्चों को अंदर किया है। वैसे भी इस पर कॉलेजों को जबरन अलॉट किया है। वैसे हमने भोज मुक्त विवि को लिखा भी है उन्हें कोई दिक्कत है तो हमारा सेंटर बदल दें।
-कुलदीप सक्सेना, संचालक, निर्विंध्या कॉलेज, ब्यावरा
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