कोच के अंदर कदम रखते ही बर्थ के आसपास फैली गंदंगी देखकर अब मूड खराब करने की जरूरत नहीं होगी। पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करानी होगी या ट्विटर एकाउंट पर एक ट्विट करना होगा और तत्काल सफाई कर्मचारी हाजिर हो जाएगा।
कोच के अंदर कदम रखते ही बर्थ के आसपास फैली गंदंगी देखकर अब मूड खराब करने की जरूरत नहीं होगी। पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करानी होगी या ट्विटर एकाउंट पर एक ट्विट करना होगा और तत्काल सफाई कर्मचारी हाजिर हो जाएगा।
सफर को और भी सुहाना बनाने के लिए डब्ल्यूसीआर ने चलती ट्रेन में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए ऑनलाइन कंप्लेंट सेल शुरू कर दी है। ट्रेन के कोच में कभी टॉयलेट में पानी नहीं होता तो कभी एसी और पंखे काम नहीं करते या फिर खानपान सुविधाएं बेहद खराब होती हैं। इतना ही नहीं बर्थ के आसपास गंदगी फैली होने के बावजूद अक्सर कर मुसाफिरों को मनमसोस कर सफर करना पड़ता है।
ज्यादा परेशानी होने पर यात्री कोच अटेंडेंट से भिड़ जाते हैं या फिर शिकायत पुस्तिका में अपनी समस्या बयां कर सफर के दौरान हुई मुश्किलों को भूलने की कोशिश करते हैं। डब्ल्यूसीआर ने सफर को सुहाना बनाने के लिए ऑनलाइन कंप्लेंट सेल शुरू की है। जोन में यात्रा के दौरान किसी तरह की समस्या होने पर मुसाफिरों को पीएनआर नंबर, कोच और बर्थ की जानकारी के साथ अपनी समस्या बताते हुए ट्विटर एकाउंट @wc_railway या डब्ल्यूसीआर की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करानी होगी और रेलवे तत्काल समस्या के समाधान में जुट जाएगा।
ऐसे होगा समाधान
जोन से गुजरने वाली सभी ट्रेन में चल रहे स्टाफ, रेलवे स्टेशन, मंडल और जोनल मुख्यालय स्तर के अधिकारियों के मोबाइल नंबर सेल के ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड कर दिए गए हैं। जैसे ही कोई शिकायत दर्ज होगी, संबंधित ट्रेन में चल रहे स्टाफ के मोबाइल पर स्वत: ही ट्रांसफर हो जाएगी। स्टाफ को निश्चित समय दिया जाएगा, जिसमें उन्हें शिकायत का समाधान करना होगा।
सेल की ओर से शिकायतकर्ता को एक कोड मैसेज किया जाएगा। समस्या का समाधान होने पर शिकायतकर्ता इस कोड को रेलवे कर्मचारियों को बताएगा और वह सेल को, ताकि पता चल सके कि कितनी देर में यात्री तक मदद पहुंची।
…तो जिम्मेदार के पास पहुंचेगी सूचना
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया कि ट्रेन में चल रहा स्टाफ यदि तय समय में यात्रियों की शिकायत का समाधान नहीं कर पाएगा तो ट्रेन के अगले स्टॉपेज पर जिम्मेदार अधिकारियों के पास इसकी सूचना स्वत: ही पहुंच जाएगी।
उन्हें भी समस्या समाधान के लिए निश्चित समय दिया जाएगा। उनके बाद मामला सीधे डीआरएम और जोनल मुख्यालय स्तर पर पहुंच जाएगा और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। सीपीआरओ ने बताया कि ऑनलाइन कंप्लेंट का ट्रायल सफल होने के बाद सोमवार से इसे अधिकारिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा।