राजगढ़/सुठालिया. सीएम को चुनौती देेने वाले और प्रशासन को जेब में रखकर घूमने वाले आयुष डॉ. एसके पटवा पर कार्रवाई करने के बजाए विभाग ढाल बन रहा है। जांच के बाद कार्रवाई की दावा करने वाली प्रमुख सचिव का निर्णय भी अब प्रशासनिक निर्णय पर अटक गया है।
दरअसल, सुठालिया में पदस्थ आयुष डॉक्टर पटवा ने मुख्यमंत्री, नेता, अधिकारी और पत्रकारों पर सीधा निशाना साधा था। बदतमीजी करने की सारी हदें पार करने के बावजूद विभाग मौन है। जिला आयुष अधिकारी इसमें स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं वहीं विभाग की प्रमुख सचिव निर्णय नहीं ले पा रही हैं। इससे लगता है कि डॉक्टर की ढाल बनकर विभाग सामने आ रहा है। डॉक्टर की मौजूदा हरकत सहित इससे के तमाम मामले के सामने आने और थाने में मामला तक दर्ज हो जाने के बावजूद विभाग कार्रवाई के मूड में नहीं है।
डॉ. की लापरवाही से कभी मां नहीं बन पाएगी महिला
डॉक्टर पर अवैध रूप से गर्भपात करने के भी आरोप लगे हैं, साथ ही कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। उक्त डॉक्टर ने खुद की क्लीनिक (पटवा हॉस्पिटल) पर अवैध ढंग से एक नवविवाहिता की डिलीवरी के लिए भर्ती की गई पवित्राबाई पति देवराज दांगी निवासी उम्मेदपुरा की बच्चा दानी सिर्फ इसलिए निकालना पड़ी थी कि उक्त डॉक्टर की लापरवाही से गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई थी। इसके बाद विवाहिता अब कभी मां भी नहीं बन पाएगी। इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी डायरेक्टर किरण शेजवार ने क्लीनिक सील कर दिया था।
मामला पीएस के यहां विचाराधीन है, आप ही बताइए हम इसमें क्या कार्रवाई करें? डॉक्टर ने गलत हरकत की है जो निंदनीय है। मामले में कार्रवाई जरूर होगी, लेकिन पीएस लेवल पर ही सब होगा।
-पीएन गर्ग, जिला आयुष अधिकारी, राजगढ़
हमने पूरे मामले की जांच करवा ली है, उसमें प्रशासनिक निर्णय लिए जा रहे हैं। जैसे ही निर्णय ले लिए जाएंगे और जो भी कार्रवाई होगी आपको सूचित कर दिया जाएगा।
-शिखा दुबे, प्रमुख सचिव, आयुष विभाग, भोपाल