जिले के पांच केन्द्रों पर खरीदी गई 5 लाख 40 हजार क्विंटल में से अब 27 हजार क्विंटल प्याज इस्तेमाल करने के योग्य नहीं रही है।
ब्यावरा. जिले के पांच केन्द्रों पर खरीदी गई 5 लाख 40 हजार क्विंटल में से अब 27 हजार क्विंटल प्याज इस्तेमाल करने के योग्य नहीं रही है।
जून से शुरू हुई प्याज खरीदी की प्रक्रिया जुलाई माह तक भी शासन और प्रशासन का दामन छोडऩे का नाम नहीं ले रही है। जिले के किसानों से पांच केन्द्रों के माध्यम से खरीदी गई प्याज को ठिकाने लगाने के लिए कई जतन करने के बाद भी 27 हजार क्विंटल प्याज सड़ चुकी है। जिसे नष्ट करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। सरकार ने इस प्याज को खरीदने में 42 करोड़ से अधिक का खर्च किया है।
अभी भी बचा एक लाख क्विंटल प्याज: सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्याज बांटने के अलावा नीलामी प्रक्रिेया के द्वारा भी प्याज शासन ने बेचा था, लेकिन इसके बाद भी पूरे जिले में एक लाख क्विंटल प्याज बचा हुआ है, जिसमें 27 हजार क्विंटल प्याज खराब हो चुका है। जिले की मंडियों के अलावा विभिन्न वेयर हाउस में प्याज को रखा गया है। जानकारों कि माने तो बारिश के कारण जो प्याज बचा हुआ है, वह भी एक माह से ज्यादा नहीं टिक पाएगा। अगर उसको जल्द ही डिस्पोज नहीं किया गया तो उसकी भी सडऩे की संभावना बढ़ जाएगी। उपार्जन केन्द्रों पर खराब हो चुके प्याज को रहवासी क्षेत्र से दूर नष्ट किया जाएगा। इसके नष्ट करने के लिए समिति का गठन किया गया है। जिसकी देख-रेख में खराब प्याज को नष्ट किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी।
खराब हो चुके प्याज को नष्ट करने के निर्देश शासन से मिले है। कुल 27 हजार क्विंटल प्याज खराब हो चुका है, जिसे नष्ट करने की पूरी प्रक्रिया में सावधान बरती जाएगी।
-राखी रघुवंशी, डीएमओ राजगढ़