नरसिंहगढ़ में मिली एक युवती पिछले एक साल से गोपाल महिला मंडल में रह रही थी। उसके परिजनों को जानने और वह कौन है, कहां से आई।
राजगढ़. नरसिंहगढ़ में मिली एक युवती पिछले एक साल से गोपाल महिला मंडल में रह रही थी। उसके परिजनों को जानने और वह कौन है, कहां से आई। यह सब बाल कल्याण समिति आदि टीमें पता लगाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन युवती मूूक होने और उसे सुनाई भी कम देता था। ऐसे में कोई हल समझ में नहीं आ रहा था।
जब युवती का आधार कार्ड सेंटर पर अंगूठा लगाया तो पता लगा कि उसका नाम आशाकुमारी पिता निताईदास निवासी चंपारण बिहार के गांव मंझरिया की है। ऐसे में बाल कल्याण समिति ने इसकी सच्चाई जानने के लिए पटना से लेकर चंपारण आदि सभी बाल कल्याण समितियों को सूचित किया। तब कहीं जाकर उनके माता-पिता का पता लगा कि वह बिहार की रहने वाली है। समिति ने पुलिस से गार्ड की मांग की, लेकिन गार्ड उपलब्ध होने में एक माह का समय लग गया, जिसके बाद सोमवार सुबह वह बिहार के लिए रवाना होगी। प्राथमिक जांच में पाया कि आशाकुमारी का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और वह आशाराम बापू के सत्संग में शामिल होने के लिए गई थी, लेकिन उसके बाद से वह घर नहीं लौटी।
युवती मूक होने के कारण कुछ बता नहीं पाती थी। उसकी लिखावट भी समझ नहीं आती थी। ऐसे में परिजनों तक पहुंचना कठिन हो रहा था, लेकिन आधार कार्ड के जरिए अब हम उसे घर पहुंचा रहे है। हमारी अपील है कि सभी परिजन अपने बच्चों के आधार कार्ड जरूर बनवाए।
मनोज सेंगर, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति राजगढ़