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mp government school : मध्य प्रदेश के इस स्कूल में बर्तन नहीं, बच्चों के हाथों में दिया जाता है मध्याह्न भोजन

locationराजगढ़Published: Jul 18, 2019 05:13:54 pm

Submitted by:

Amit Mishra

ये कैसी मानीटरिंग और कैसी व्यवस्था

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mp government school : मध्य प्रदेश के इस स्कूल में बर्तन नहीं, बच्चों के हाथों में दिया जाता है मध्याह्न भोजन

राजगढ़/ आगर । बच्चे School स्कूल पहुंचें और बेहतर पढ़ाई करें, इसके लिए सरकार कई तरह की योजनाएं संचालित कर रही है। इन्हीं में से एक मध्याह्न भोजन mid day meal in mp योजना है। इसमें लाखों रुपए का बजट सरकार हर साल एक स्कूल government school में खर्च कर देती है। लेकिन उसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इसकी न तो अधिकारी बेहतर तरीके से मानीटरिंग करते है और ना ही किसी तरह की कोई कार्रवाई की जाती है। यही कारण है कि व्यवस्थाएं बिगड़ती जा रही हैं।


कई जगह स्कूलों मीनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जाता तो कई जगह भोजन की गुणवत्ता सही नहीं होती। वहीं ऐसे भी स्कूल हैं जहां बच्चे बहुत कम संख्या में आते हैं, लेकिन भुगतान हर स्कूल की तरह उन्हें भी कर दिया जाता है। लेकिन मलावर के स्कूल में जो देखा वह तो चौंकाने वाला था। स्कूल में सभी टीचर मौजूद थे और बच्चे मध्याह्न भोजन के समय भोजन कर रहे थे। लेकिन यह भोजन उन्हें किसी बर्तन में साथ बैठाकर नहीं खिलाया जा रहा था, बल्कि एक-एक बच्चे को हाथ में रोटी देकर उसी में सूखी सब्जी दी जा रही थी। इसे बच्चे लेकर बाहर आते जा रहे थे और हाथ में लेकर ही सब बच्चे इसे खा रहे थे।

कैसे सीखेंगे संस्कार
बच्चा स्कूल में पढ़ाई के साथ अच्छे संस्कार सीखने के लिए जाता है। लेकिन स्कूल में बच्चे यदि इस तरह से रोटी हाथ में लेकर खा रहे है तो उन्हें क्या संस्कार दिए जा रहे होंगे। यह कोई भी समझ सकता है।

वही मलावर स्कूल के हेडमास्टर ओपी शर्मा का कहना है कि हमारे पास बर्तन कम हैं। जबकि बच्चे बर्तनों की संख्या में छह गुने हैं। किसको बर्तन में दें किसको न दें। यह परेशानी होती है, इसलिए ऐसी समस्या आती है।

 

खबर के बाद पहुंचे डीपीसी
बच्चों को हाथ में दिये जा रहे भोजन की खबर पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद डीपीसी विक्रम सिंह राठौर पूरी टीम के साथ स्कमल पहुंचे और यहां मौजूद शिक्षकों को जमकर फटकार लगाई और थालियों की व्यवस्था के लिये बजट की बात कही। डीपीसी के साथ जिला पंचायत की टीम भी पहुंची।

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समय पर नहीं आते शिक्षक
वही सुठालिया शासकीय प्राइमरी स्कूल में हर रोज बच्चे समय पर पहुंच जाते है। लेकिन शिक्षक नहीं आने से वे उनका इंतजार करते रहते हैं। आए दिन शिक्षकों की लेटलतीफी के चलते बुधवार सुबह कुछ लोग स्कूल पहुंच गए और उन्होंने यहां पदस्थ शिक्षकों को फोन लगाया। शिक्षक नहीं आए तो फिर भृत्य द्वारा ताला खोला गया। स्कूल पहुंचे जितेन्द्र सौंधिया और उनके साथी ने बताया कि बच्चों को 12 बजे के बाद मध्याह्न भोजन मिलता है।

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