खड़े-खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो जवाब दो मुझे? हर बात पर एक-दूसरे का चेहरा क्यों देखना पड़ रहा है आप लोगों को। एक भी रजिस्टर रजिस्टर्ड नहीं है, आप इसकी देख-रेख क्यों नहीं करते?
ब्यावरा. खड़े-खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो जवाब दो मुझे? हर बात पर एक-दूसरे का चेहरा क्यों देखना पड़ रहा है आप लोगों को। एक भी रजिस्टर रजिस्टर्ड नहीं है, आप इसकी देख-रेख क्यों नहीं करते?
नये तेवर में पहली बार निरीक्षण के लिए आई नवागत सीएमएचओ डॉ. अनुसूईया गवली ने उक्त जवाब स्टॉफ से मांगा। ओपीडी, किचन, इंजेक्शन कक्ष, डिस्पेंसरी सहित अन्य विभाग को देखने के बाद वे लेब में पहुंचीं।
वहां रिकॉर्ड मैंटेन नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने जांच के बारे में पूछा तो स्टॉफ जवाब नहीं दे पाया। इस पर उन्होंने फटकार लगाई साथ ही लेब के कर्मचारियों को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश प्रभारी को दिए। इसके बाद उन्होंने वार्ड, नर्सिंग ट्रीटमेट रूम, एनबीएसयू और मैटरनिटी वार्ड का भी निरीक्षण किया। जहां जच्चा-बच्चा की देखभाल, रिकॉर्ड मेंटेन करने सहित अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने निर्माणाधीन अस्पताल के दूसरे फेस के काम का भी निरीक्षण किया। आखिर में एनआरसी का निरीक्षण किया जहां बच्चों और कुपोषण को लेकर चर्चा की गई। वहां स्टॉफ की कमी को लेकर सवाल उठे तो उन्होंने आश्वस्त किए कि मैंने हाल ही में भोपाल बात की है। सीएमएचओ ने सभी स्टॉफ खासकर डॉक्टर्स को ड्रेस में आईडी के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिए।
माइनस टू एसडी की दिक्कत तो है
निरीक्षण के दौरान कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हां माइनस टू स्टेंडर्ड डेविएशन की दिक्कत है। जिसे हम बेहतर कम्यूनिकेशन से सुधारेंगे। अधिक से अधिक बच्चे एनआरसी पहुंचे इसकी कोशिश करेंगे। इसके लिए महिला बाल विकास विभाग से तालमेल जमाएंगे। हमारी एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में भी सामंजस्य स्थापित करेंगे।
ओटी में जूते उतारकर घुसीं
राजगढ़ को एनबीएसयू और ओटी के निरीक्षण के दौरान अति उत्साह में जूते पहनकर चली गईं सीएमएचओ ने ब्यावरा सिविल अस्पताल में काफी सावधानी बरती। पूरे अस्पताल के निरीक्षण के बाद वे जैसे ही ऑपरेशन थियेटर में पहुंंचीं तो बकायदा जूते बाहर ही निकाले। ओटी में निरीक्षण के दौरान उन्हें पूरी सावधानी रखी।
डफर की तरह खड़े हो जवाब दो?
निरीक्षण के बाद वे सिटी डिस्पेसंरी पहुंचीं, जहां सवाल-जवाब करने के दौरान उन्होंने स्टॉफ से कहा कि डफर की तरह खड़े मत रहो मेरी बातों का जवाब दो। जिस चीज के लिए आपको तैनात किया गया है वही आप नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने मैनेजमेंट सुधारने के दिशा-निर्देश मौजूदा स्टॉफ को दिए।
गवली आ गई है, अब सब बदलेगा!
सिक्योरिटी और सफाईकर्मियों ने अपने वेतन को लेकर शिकायत की। उन्होंने कहा हर बार अधिकारी और नेता आते हैं तब ही हमारी तनख्वाह डलती है। वरना महीनों तक हम हाथ मलते रहते हैं। इस पर सीएमएचओ ने कहा कि डॉट वरी, अब अनूसुईया गवली सिंहा आ गई है, अब सब बदलेगा। ऐसा हर काम होगा जो अभी तक नहीं हुआ।
ओह माय गॉड! इट्स वेरी डर्टी कॉटन
सीएमएचओ को सबसे ज्यादा दिक्कत वार्डों में दिखी। उन्होंने कहा कि एक भी बेड के पास स्टूल नहीं है, लॉकर जंग खा रहे हैं। ऐसे कैसे काम चलेगा? शासन पूरा खर्च कर रहा फिर भी आप लोग ध्यान नहीं दे पा रहे हो? बेड के बगल में कॉटन, चादर और तकिये को देख आश्चर्य के साथ सीएमएचओ ने कहा कि ओह माह गॉड इट्स वेरी डर्टी कॉटन।
प्राथमिक तौर पर हमने निरीक्षण लिया है जो भी कमियां आई है उन पर विचार करेंगे। साथ ही कोशिश करेंगे कि कोई भी चेलेंज हो हम मिलकर निपटाएंगे। स्टॉफ से भी हम उम्मीद करेंगे कि कोऑपरेट करे।
-अनूसुईया गवली, सीएमएचओ, राजगढ़