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ट्रैक्टरों पर बजता म्यूजिक और नाबालिग चालक बनते हैं हादसों की वजह

locationराजगढ़Published: Jan 19, 2020 11:39:22 am

– सड़क सुरक्षा सप्ताह, कैसे सुधरे ट्रैफिक- सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा- शहर के साथ ही प्रमुख मार्गों पर धड़ल्ले से ट्रैक्टर दौड़ाते हैं नाबालिग, कोई अंकुश नहीं, कैसे सुधरेगा ट्रैफिक

ट्रैक्टरों पर बजता म्यूजिक और नाबालिग चालक बनते हैं हादसों की वजह

ट्रैक्टरों पर बजता म्यूजिक और नाबालिग चालक बनते हैं हादसों की वजह

ब्यावरा. सड़क सुरक्षा में सबसे बड़ी बाधा धड़ल्ले से बेतरतीब दौडऩे वाले ट्रैक्टर बनते हैं। इन्हें दौड़ाने वाले नाबालिग और ट्रैक्टरों पर लगा रहने वाला डीजे की तर्ज वाला म्यूजिक सिस्टम खतरे का कारण बनता है। आए दिन ट्रैक्टरों से होने वाले हादसों के बावजूद कोई अंकुश इन पर नहीं लग पाया है।
दरअसल, मुख्य सड़कों के साथ ही शहरी क्षेत्र में दौडऩे वाले ट्रैक्टर्स से न सिर्फ रोड पर पैदल चलनेवालों को खतरा है बल्कि आगे और पीछे से आने वाले, क्रॉस होने वाले वाहनों को भी खतरा बना रहता है।
म्यूजिक तेज आवाज में बजने के कारण पीछे और साइड में से निकलने वाले अन्य वाहनों और उनके हॉर्न की आवाज तक चालक को समझ नहीं आती। इससे कहीं भी मुड़ जाने वाले ट्रैक्टर वाहन चालकों के लिए मौत बनकर आते हैं और बड़े हादसे का रूप ले लेते हैं।
लगभग जिलेभर में यह समस्या कायम है, जहां न सिर्फ बड़े-बड़़े म्यूजिक सिस्टम रेत का परिवहन करने वाले ट्रैक्टर्स पर होता है। साथ ही इन्हें अधिकतर नाबालिग ही चलाते हैं, जिन्हें न ही ट्रैफिक नियमों का पता न प्रॉपर ड्राइविंग वे जानते हैं। इसी कारण ट्रैक्टर्स से होने वाले हादसों का ग्रॉफ बढ़ रहा है।
ट्रैक्टर के लिए हैवी लाइसें जरूरी, 90 फीसदी के पास नहीं होता
नाबालिगों के अलावा आम तौर पर ट्रैक्टर चलाने वाले 90 फीसदी चालकों के पास लाइसेंस नहीं होता। ट्रैक्टर के लिए बड़े वाहनों की तर्ज पर हैवी लाइसेंस बनता है, जो कि अकसर वाहन चालक बनवा नहीं पाते।
यदि नियमानुसार जांच की जाए तो हकीकत सामने आ सकती है। साथ ही विशेष तौर पर ट्रैक्टर चालकों के लिए भी आज तक शिविर इत्यादि लाइसेंस के लिए नहीं लगाए गए।

इसीलिए न वे जागरूक हो पाते हैं और न ही लाइसेंस बनवा पाते। इसके अलावा तेज म्यूजिक सिस्टम और नाबालिगों के चलाने पर भी कोई कार्रवाई पुलिस द्वारा नहीं होती, इसी कारण हादसों का डर बना रहता है।
रेत परिवहन, उपज लेकर ग्रामीण अंचलों से शहर आते हैं ट्रैक्टर
ब्यावरा सहित सारंगपुर, नरसिंहगढ़, सुठालिया, जिला मुख्यालय राजगढ़ सहित अन्य कस्बों में रेत परिवहन के साथ ही अनाज लेकर मंडियों में ग्रामीण अंचलों से ट्रैक्टर शहर पहुंचते हैं।
रेत वाले वाहनों में बड़े म्यूजिक सिस्टम लगे रहते हैं। साथ ही नाबालिग ही इन्हें चलाते हैं। साथ ही गांवों से आने वाले अधिकतर वाहन चालकों के पास लाइसेंस नहीं होते, और वे ट्रैक्टर को भी ढंग से चलाना नहीं जानते। इसी कारण ट्रैफिक नियमों को तोडऩा आम है। इसी से हादसे होना भी आम है।
कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है
ट्रैक्टरों पर रेडियम न लगाना, नाबालिगों द्वारा चालाना और म्यूजिक सिस्टम तेज आवाज में बजाना इत्यादि के लिए कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें समय-समय पर हम अभियान चलाते भी हैं। फिर भी मैं सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित करता हूं कि ट्रैक्टर्स पर कार्रवाई करें।
– प्रदीप शर्मा, एसपी, राजगढ़

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