जिले में 2 लाख 89 हजार 722 लाड़ली बहनों ने पंजीयन करवाया है, इनमें से स्क्रूटनी के आखिरी दिन महज 227 अपात्र पाई गई हैं। यानी 99 फीसदी पंजीयन वैध पाए गए हैं। हालांकि 22 हजार ऐसे केस हैं जिनमें डीबीटी (डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर) सुविधा नहीं होने से वे बैंकिंग में प्रोसेस में है।
दरअसल, 99 फीसदी लाडलियां इसलिए भी पात्र पाई गई हैं कि यहां कोई वेरिफिकेशन अलग से हुआ ही नहीं है। यानी लाड़लियों ने जो घोषणा-पत्र दिया और उसमें जो जानकारी दे दी वही मान्य कर ली गई है। भले ही वह नौकरीपेशा हो, टैक्स पेयर हो या ढाई लाख से अधिक आय वाली ही क्यों न हो? उन्हीं केसेस में आपत्तियां ली गईं हैं जिनमें शिकायत हुई है। हालांकि गुना सहित अन्य कई जिलों में निर्धारित योग्यता का पालन न करने वाली महिलाओं के आवेदन निरस्त किए जा चुके हैं।
स्क्रूटनी में 5536 केस में आपत्तियां आई थीं लेकिन सभी के निराकरण हो गए। किसी में फोटो की दिक्कत थी तो किसी में डॉक्यूमेंट की लेकिन आपत्तियों में रिजेक्शन वाली स्थिति नहीं बनी।
पहले 1 रुपए डालेंगे, फिर आएंगे 1000
लाड़ली बहना योजना में लाड़लियों को प्रतिमाह पहले 1 रुपए डाला जाएगा, इसके बाद 1000 रुपए डाले जाएंगे। जून माह में 1001 रुपए आएंगे, इसके बाद 1000 रुपए आने लगेंगे। इस माह पहली बार में ट्रॉयल के तौर पर एक रुपए पहले डाला जाएगा, उसके बाद ही हर माह डाली जाने वाली एक हजार रुपए की राशि डाली जाएगी।
अलग से किसी ने नहीं किया वेरिफिकेशन
योजना के मापदंडों के अनुसार टैक्स पे करने वाला, ढाई लाख से अधिक इनकम वाला, ज्यादा खेती-बाड़ी और नौकरी वाला यदि कोई परिजन घर में है तो ऐसी लाड़ली को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा, लेकिन यहां कोई वेरिफिकेशन ही नहीं हुआ। लाड़ली योजना के प्रभारी बनाए गए महिला बाल विकास विभाग के श्याम बाबू खरे बताते हैं कि इसमें यदि कोई शिकायत करेगा तो ही आपत्ति मानी जाएगी। फिलहाल अलग से जांच नहीं करवाई जा रही है। अब भविष्य में क्या होता है यह कहा नहीं जा सकता? योजना के लिए 23 साल से अधिक और 60 से कम आयु की लाड़लियां पात्र हैं, जिन्हें प्रतिमाह 1 हजार रुपए मिलेंगे।
लाड़ली योजना में 2 लाख ८9 हजार के आस-पास पंजीयन हुए हैं। इनमें से 22 हजार डीबीटी को लेकर रुका है, जिनमें काम चल रहा है। जिनमें आपत्तियां कर ली गई थीं, उनका निराकरण करवा दिया गया है। साथ ही लगभग सभी केसेस की आपत्तियों का निराकरण कर लिया गया है।
-हर्ष दीक्षित, कलेक्टर, राजगढ़