पूरो रोड में बरती गई लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अतिक्रमण हटाते वक्त पुराने नक्शे और राजस्व विभाग के नियम सामने आ गए थे, लेकिन रोड बनने के बाद और नालियां बनने पर कोई मापदंड, नाप-तौल काम नहीं आया। हालत यह है कि कहीं आड़ी तो कहीं टेढ़ी नालियां बना दी गईं, कहीं रोड से दूर तो कहीं बिल्कुल पास आ गई। साथ ही पुल-पुलिया और रोड की चौड़ाई इत्यादि का भी डीपीआर के हिसाब तक से मापदंड नहीं रहा।
एक दिन के लिए सख्त हुए प्रशासन ने भरी बारिश में तोड़-फोड़ की, एबी रोड के आस-पास की पुरानी नालियां तोड़ दीं, अतिक्रमण हटाए, कुछ न्यायालयीन अतिक्रमण भी हटाए गए। अब फिर से सबकुछ थम गया। जिनका अतिक्रमण तोड़ा गया उन्हें बेवजह बेरोजगार कर दिया गया और इसी बीच में जिला प्रशासन का फरमान एसडीएम को बदलने का हो गया। ऐसे में जो काम जैसा था वैसा ही रह गया, नए अधिकारियों को न पुराने प्लॉन समझ आ रहे हैं ना ही उसे वे पूरा करने में गंभीरता दिखा रहे। इस सबका खामियाजा शहर की वह जनता भुगत रही है।