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ब्लड बैंक पर निजी लोगों का कब्जा, खून दिलाने से लेकर चढ़वाने तक की जिम्मेदारी

locationराजगढ़Published: Jan 31, 2019 11:48:19 pm

Submitted by:

Praveen tamrakar

जिला चिकित्सालय में संचालित हो रहा सरकारी ब्लड बैंक आरोपों के घेरे में हैं।

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Rajgarh There is a gathering of private individuals in this way in a blood bank

राजगढ़. जिला चिकित्सालय में संचालित हो रहा सरकारी ब्लड बैंक आरोपों के घेरे में हैं। जहां ब्लड के बदले में राशि ली जाने के आरोप आम हैं। यहां कर्मचारी बदल जाते हैं, लेकिन शिकायतों की तस्वीर नहीं बदल सकी है। क्योंकि सरकारी ब्लड बैंक को कर्मचारी की जगह दो बजे के बाद संचालित करने लगते हैं सुनील, आमिर, अशोक जैसे नामों के लगभग आधा दर्जन युवक जो कि प्राइवेट वाहन चालक हैं या फिर आसपास ही रहते हैं, जबकि इनका अस्पताल के स्टाफ के रूप में कोई लेना-देना नहीं है। इनकी घुसपैठ ब्लड बैंक में इतनी बढ़ चुकी है कि न सिर्फ स्टाक में रखा हुआ ब्लड बल्कि डोनर भी चाहिए तो यह उपलब्ध कराते हैं।

इसकी सूचना कोई और नहीं बल्कि ब्लड बैंक के ही कर्मचारी इन तक पहुंचाते हैंं। इसके बाद खेल शुरू होता है मरीजों के परिजनों से रुपयों की वसूली का। पहले भी कई बार शिकायतें मिलीं और एक बार पुलिस भी मौके पर पहुंची। जहां सुनील को पुलिस ने समझाइस और चेतावनी देकर छोड़ दिया था, लेकिन समझाइस न कर्मचारियों के काम आई और न ही सुनील और उसके साथियों ने कोई सीख ली और वह लगातार यहां ब्लड बैंक में दखल देते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी में बताया कि जो ब्लड की डिमांड सुबह होती है।
कर्मचारी उसे टाइम से उपलब्ध नहीं कराते। ऐसे में दो बजे की शिफ्ट के बाद जब ब्लड चढ़ाने वाला स्टाफ मरीजों के परिजनों पर दबाव बनाता है तो पैसों में ब्लड की डील होती है। इसमें कुछ हिस्सा कर्मचारी और कुछ हिस्सा डोनर का होता है। खास बात यह है कि जो डोनर हैं उनमें से कई नशे के आदि हो चुके हैं। जिनका ब्लड मरीज के लिए उतना किफायती नहीं होता। यह खेल दो बजे के बाद शुरू होता है। ऐसी सूचना के बाद जब पत्रिका टीम मौके पर पहुंची तो जैसा सुना था वैसा ही नजर आया। सुनील लैब टेक्रिशियन ओम शर्मा के साथ बैठा हुआ था और जब बैठने का कारण पूछा तो कुछ बताने से बचते रहे। जिस मरीज से ब्लड की डील हुई थी, वह भी मौके पर थे। डोनर ने पत्रिका टीम को देखकर दौड़ लगा दी। जबकि वह आधा ब्लड दे चुका था। सुनील भी वहां से चला गया।

कुछ संक्रमित डोनर भटकते रहते हैं
सूत्रों की मानें तो बार-बार ब्लड देने और नशे के आदि होने से कुछ डोनर संक्रमित बीमारियों से पीडि़त हैं। इनमें हेपेटाइटिस बी के साथ ही कुछ गंभीर बीमारियां भी बताई जाती हैं।
&मुझे भी कुछ दिनों से इस तरह की शिकायत मिल रही है। इस मामले को भी दिखवाते हैं। सच्चाई है तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. विजयसिंह, सीएमएचओ राजगढ़
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