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रुलाने वाली है प्याज़, त्योहारी सीज़न में 100 रुपये किलो तक पहुंचेंगे प्याज़ के दाम!

locationराजगढ़Published: Sep 23, 2019 06:41:25 pm

-05 रु. किलो बिकने वाला प्याज 50 पार-आम आदमी की पहुंच से दूर हो रहा प्याज, इस महंगे दाम का किसान को कोई फायदा नहीं-जब तक किसान के पास था तब तक नहीं मिला भाव, अब किसी किसान के पास नहीं है तो बिचोलियों, स्टॉकिस्ट की हो रही चांदी
 

राजेश विश्वकर्मा की रिपोर्ट….

ब्यावरा. दो से सात रुपए किलो तक थोक में बिकने वाली किसानों की प्याज के भाव अब आसमान छू रहे हैं। इससे आम आदमी (मध्यमवर्गीय) की पहुंच से प्याज लगातार दूर होती जा रही है। स्थानीय ब्यापारियों का कहना है कि एक बार फिर प्याज़ के दाम आसमान छू सकते है। अगर ब्यापारियों की माने तो इस बार त्योहारी सीज़न में 100 रुपये किलो तक प्याज़ के दाम पहुंच सकते है।

 

प्याज की शार्टेज के कारण भाव में बढ़ोतरी हुई
दरअसल, महाराष्ट्र (नासिक) में बोई गई प्याज गल जाने से भाव में तेजी आई है। अन्य प्रदेशों में भी प्याज का उत्पादन बेहद कम है, ऐसे में इसी कारण मध्य प्रदेश में भी प्याज के भाव आसमान छू रहे हैं। थोक मंडियों में वर्तमान में 35 से 45 रुपए किलो तक प्याज बिक रहा है। वहीं, खेरची में 50 से 60 रु. किलो। इसी माह अचनाक आई प्याज की शार्टेज के कारण भाव में बढ़ोतरी हुई है।

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किसानों के हाथ फिर भी कुछ नहीं, बिचौलियों की चांदी!
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भले ही आम आदमी के जेब पर प्याज के बढ़ते हुए भाव भारी पड़ रहे हों लेकिन इसका लाभ उन एक भी किसान को नहीं हो रहा जिन्होंने दिन-रात खेतों में मेहनत कर प्याज का उत्पादन किया था, क्योंकि वे इसे औने-पौने दाम में पहले ही बेच चुके हैं, अब उन तमाम बिचौलियों की चांदी हो गई है जिन्होंने प्याज का स्टॉक कर रखा है। उसी कोल्ड स्टोरेज में रखी प्याज के भाव अब आसमान छू रहे हैं।

 

बारिश ने यहां भी लगाया, आगे और आ सकती है दिक्कत?
नासिक में लगातार बारिश में गल चुकी प्याज को भले ही शॉर्टेज का कारण माना जा रहा हो लेकिन आने वाले दिनों में प्याज को लेकर और भी दिक्कतें आ सकती है। महाराष्ट्र के अलावा सर्वाधिक प्याज उत्पादन वाले प्रदेशों में शामिल राजस्थान और मध्य-प्रदेश में भी प्याज की बेहद कम मात्रा है। जिन किसानों ने बोवनी की थी उनकी उपज भी लगातार बारिश से गलने के स्थिति में है। साथ दो साल से बेहतर भाव नहीं मिल पाने के कारम किसानों ने प्याज का रकबा भी कम कर दिया। यही कारण है कि नासिक के साथ ही अन्य जगह भी प्याज की शॉर्टेज रहना लगभग तय है।

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फैक्ट-फाइल
-5400 हैक्टेयर में 2017-18।
-5800 हैक्टेयर में 2018-19।
-लगातार बारिश से इस बार बोवनी ही नहीं।
-03, 53, 968 प्याज खरीदी गई थीइस बार।
-इसी खरीदी गई प्याज पर मिलना है बोनस।
(नोट : जानकारी उद्यानिकी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार)
…और किसानों की प्याज का बोनस भी डूबा!
समर्थन मूल्य में आठ रुपए किलो सुनिश्चित कर खरीदी गई प्याज की बोनस राशि भी लगभग डूबने की कगार पर है। शासन ने दावा किया था कि जिस भी भाव में प्याज बिके संबंधित पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य के हिसाब से बोनस राशि मिलेगी लेकिन पहले ही सोयाबीन की फ्लैट भावांतर भुगतान की राशि की उम्मीद खो चुके किसानों को अब प्याज की बोनस राशि से भी कोई उम्मीद नहीं बची है। ऐसे में प्याज भले ही महंगे हो गए हों लेकिन किसानों को कोई राहत इससे नहीं मिली।

अभी कोई नये निर्देश नहीं
प्याज की बोनस राशि को लेकर फिलहाल कोई नये निर्देश नहीं है। हमारी ओर से पूरी रिपोर्ट पंजीकृत किसानों की शासन को भेजी गई है। इस बार के प्याज के रकबे में जरूर कटौती हुई है।
-व्ही. एस. राजपूत, उप-संचालक, उद्यानिकी, राजगढ़
नासिक में गल गया प्याज
नासिक में प्याज की खेती गल जाने से एकदम से शॉर्टेज आई है। अचानक प्याज की कटौती हो जाने के कारण भाव में बढ़ोतरी हुई है। यहां भी लोकल प्याज की खेती कम होने से आगे और दिक्कत आ सकती है।
-फुलसिंह कुशवाह, थोक सब्जी विक्रेता, सब्जी मंडी, ब्यावरा
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