script

माता-पिता छिंदवाड़ा, बेटी भोपाल में फंसी, लेकिन निभा रहे ड्यूटी धर्म

locationराजगढ़Published: Apr 07, 2020 07:56:37 pm

कर्मवीर चक्र अभियान : आओ इन्हें सेल्यूट करें जो हमारे लिए डटे हैंसिविल अस्पताल में हर कड़ी चुनौती के लिए तैयार रहते हैं डॉ. साहू, कुशल मॉनीटरिंग के लिए हर बार वे ही संभालते हैं जिम्मा

कर्मवीर चक्र अभियान : आओ इन्हें सेल्यूट करें जो हमारे लिए डटे हैं

ब्यावरा.अपनी टीम के साथ हमेशा तैयार रहने वाले डॉ. साहू प्रॉपर मॉनीटरिंग में लगे रहते हैं।

ब्यावरा.हमारे लिए खुद के परिवार से अलग होकर सेवा को डटे रहने वाले, तमाम खतरों को मोल लेने वाले कर्मवीरों को हमें प्रणाम करना चाहिए, उनके सम्मान में खड़े होकर तालियां जरूर बजानी चाहिए। देशभर से आ रही तमाम खबरों और संकटकाल में भी इन कर्मवीरों का हौसला नहीं डगमगा रहा। इनके लिए सबसे पहली प्राथमिकता कोरोना को हराना है। अपने कार्य स्थल पर हर तरह की प्लॉनिंग में डटे डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ, पुलिसकर्मी और अन्य तमाम सेवाकर्मी को पत्रिका ग्रुप सलाम करता है। उन्हीं की हौसला अफजाही और उन्हें सम्मान देने के लिए पत्रिका ग्रुप ने कर्मवीर चक्र अभियान शुरू किया है। जिसके जरिए हम इस संकट की घड़ी में उनकी ताकत बनना चाहते हैं।
हम थोड़ा धैर्य रख सकते हैं, ड्यूटी धर्म पहली प्राथमिकता (फोटो-बीआर0804-310)
ब्यावरा.छिंदवाड़ा के रहने वाले डॉ. शरद साहू सिविल अस्पताल ब्यावरा में करीब 15 से अधिक समय से सेवाएं दे रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. साहू अपनी समझ और विवेक से हर समस्या को सुलझाने में माहिर है, इसी कारण उन्हें हमेशा विषम परिस्थितियों में अधीक्षक का प्रभार मिला और उन्होंने बखूभी निभाया है। कोरोना की इस जंग से लड़ते हुए उनके हौसले में कोई कमी नहीं आई। उनके माता-पिता छिंदवाड़ा में है, उनसे मिलने का रोज मन करता है लेकिन ड्यूटी धर्म को प्राथमिकता देते हुए आना-जाना रद्द कर रखा है। उनके जूनियर्स डॉ. शैली गर्ग और लखन दांगी बताते हैं कि सर इतने डेडिकेटेड हैं कि उनकी बेटी डॉ. राशि साहू (डेंटिस्ट) भोपाल में हैं, लॉक डॉउन के कारण आ नहीं पा रही है लेकिन नियम का उल्लंघन कर वे खुद उसे लेने नहीं जा रहे। उनका कहना है कि इस संकट की घड़ी में पहले देश को अपनी जरूरत है, उसके बाद बाकी चीजें हो सकती हैं।

अस्पताल में ही बीत रहा सर्वाधिक समय
नरसिंहगढ़.सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉ. नवीन शर्मा काम को ही अपना धर्म समझते हैं, इसलिए कोरोना के इस समय में उनका सर्वाधिक समय अस्पताल में ही बीत रहा। संबलगढ़ तहसील जिला मुरैना के रहने वाले डॉ. शर्मा बताते हैं कि कोरोना के खिलाफ हम यह जंग सब मिलकर जरूर लड़ लेंगे। कदम-कदम पर चैलेंजेस हैं लेकिन हम इनसे जीत जरूर हासिल कर लेंगे। हम सभी की एकजुटता और इस संकट की घड़ी से हमें उभारेगा। हम सभी से यही अह्वान करेंगे कि शासन के निर्देश पर लॉक डॉउन का पालन करें। आपका घर से नहीं निकलना ही इस बीमारी की दवा है।
रातभर रहती है व्यस्तता, कई बार बेटी से तक नहीं मिल पाते
सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ के बीएमओ डॉ. गौरव त्रिपाठी दिन-रात कोरोना से जंग लडऩे के लिए डटे हैंै। रात हो या दिन तमाम प्रकार की स्क्रीनिंग और इमरजेंसी में वे लगे रहते हैं। हालात यह है कि कई बार काम की व्यवस्तता के चलते वे अपनी पांच साल की बेटी से तक नहीं मिल पाते। डॉ. त्रिपाठी बताते हैं कि हाईली इन्फेक्टेड एरिया में हम लोग जाते हैं, दिन-रात इसी में लगे रहते हैं। ऐसे में एहतियात के तौर पर कई बार मैं अपनी बेटी से तक नहीं मिल पाता। उनका कहना है कि संकट की इस घड़ी में हम सब मिलकर ही कोरोना से मुकाबला कर पाएंगे। ऐसे समय में सजग रहना और अलर्टनेस दिखाना ही हमारा ड्यूटी धर्म है।

ट्रेंडिंग वीडियो