कोरोना के कहर से आम जनता को सुरक्षित रखने उनसे कभी अह्वान तो कभी सख्ती से पेश आने वालीं एसडीओपी किरण अहिरवार अपने ड्यूटी धर्म को ही प्राथमिकता देती हैं। ग्वालयिर से ट्रांसफर के बाद बिना घर गए उन्होंने सीधे ज्वॉइनिंग ले ली। घर में माता-पिता, दो बड़े भाई और एक बड़ी घर में हैं, उन्हें हर समय चिंता रहती है लेकिन ड्यूटी से बढ़कर फिलहाल कुछ नहीं हो सकता। सुश्री अहिरवार बतातीं है कि उनके पिता प्रिंसिपल हैं। बड़े भाई डॉ. मानवेंद्र सिंह झांसी मेडिकल कॉलेज से पास आउट हैं। हाल ही में कोरोना की इमरजेंसी को देखते हुए उनकी पोस्टिंग ललितपुर के पास मेहरोली में हुई। वे बताती हैं कि भाई से बात होती है, हम चर्चा करते हैं तो समझ आता है कि कोराना से लडऩा ही फिलहाल हमारी प्राथमिकता है। दोनों अपने कर्तव्य स्थल पर डटे हैं। माता-पिता और अन्य परिजनों से मिलने की दोनों की इच्छा होती है लेकिन इस समय देश को उनकी जरूरत ज्यादा है। वे बताती हैं कि हम लोगों से यही उम्मीद करेंगे कि हम उनके लिए मैदान में डटे हैं वे कम से कम खुद के लिए अपने घरों में रहें, लॉक डॉउन का पूरा पालन करें।
सिविल अस्पताल में पदस्थ सीनियर सर्जन डॉ. राकेश गुप्ता करीब 19 साल से यहां पदस्थ हैं। उन्होंने 1997 में इंदौर गांधी मेडिकल कॉलेज से अपनी पीजी डिग्री कंप्लीट कर ली थी। उन्हें छोटी जगह, अपने होम टॉउन में सेवाएं देना थीं इसलिए इंदौर की बजाए ब्यावरा को चुना। वे अपने सख्त लहजे के लिए पहचाने जाते हैं और इसी के साथ टीम को कॉर्डिनेट करते हैं। सभी उन्हें के निर्देशन में बेहतर आउटपुट देते हैं। अब कोरोना महामारी के दौर में वे सुबह से शाम तक फ्लू, सर्दी, खांसी के मरीज अस्पताल में देख रहे हैं। डॉ. गुप्ता का कहना है कि प्राथमिक स्टेज में ही यदि सिम्टोमेटिक पेशेंट का भी समाधान कर दिया जाए तो काफी हद तक इस पर नियंत्रण किया जा सकता है। हम कोशिश में हैं कि यहां सीमित संस्धानों में भीमरीज को पूरा ट्रीट करें। उसी स्थिति में रेफर करें जब कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो। उनका कहना है कि कोरोना से हम यह जंग जरूर जीत लेंगे बशर्ते सोशल डिस्टेंस का पालन करें, यही एक मात्र जरिया है जिससे कोरोना को मात दी जा सकती है।
अस्पताल को ही बना लिया घर, 24 घंटे जुटे रहते हैं सेवा में
सिविल अस्पताल ब्यावरा में ही ड्रेसर के तौर पर पदस्थ रामचंदर परमार (पप्पू बरग्या बापू) अस्पताल को ही अपना घर मानते हैं। वे 24 घंटे अपनी सेवा में डटे रहते हैं। रोगी कल्याण समिति में सीमित सैलेरी में काम करने वाले पप्पू का कहना है कि कोरोना से लडऩे के लिए हम हमेशा तत्पर हैं। इस महामारी से लडऩे के लिए हर स्तर पर हमारी तैयारी हो चुकी है। ओपीडी में आने वाले मरीजों से लेकर इमरजेंसी केसेस को भी हम हैंडल करते हैं। लोगों को बस इसकी गंभीरता समझने की जरूरत है। वे जब तक दूरी नहीं बनाएंगे और सावधानी नहीं बरतेंगे तब तक यह जंग लड़ी जाना मुश्किल है।