वही प्रशासन की कार्रवाई ने उस समय और भी चौंका दिया। जब राजसात की जा चुकी पोकलेन ब्यावरा के मार्केट में काम पर चलते नजर आई। जबकि चार माह से यह पोकलेन प्रशासन की जब्ती में है और इस पर राजसात की कार्रवाई भी की जा चुकी हैं। सूत्रों की माने तो जो पोकलेन राजसात होने के बाद भी अभी तक जब्त नहीं की गई, वह कही न कही राजस्व से जुड़े एक कर्मचारी के रिश्तेदार की हैं।
३० जनवरी २०१८ को पार्वती नदी के किनारे स्थित सेकनपुर गांव से अवैध खनन करते हुए चार ट्रैक्टर और पांच पोकलेन मशीनों की जब्ती की गई थी। जबकि इन पांचों में एक मशीन को खराब बताते हुए पोकलेन मालिक को ही सौंप दिया था और अगले दिन थाने लाने के लिए कहा गया था। यह बात अलग है कि ३१ जनवरी को थाने आने वाली यह पोकलेन मशीन आज चार माह बाद भी थाने तो नहीं पहुंची, लेकिन अधिकारियों की मिली भगत से यह मार्केट में चल रही हैं।
थाने में पहले दिन से ही चार पोकलेन मशीन खड़ी है, लेकिन प्रशासन पांच की जब्ती बना चुका और अवैध खनन को लेकर कलेक्टर द्वारा राजसात की कार्रवाई भी की जा चुकी हैं। ऐसे में समझ से परे है कि जिस पोकलेन को राजसात किया जा चुका है, वह प्रशासन की जब्ती न होकर बाजार में कैसे कामकाज कर रही हैं। चार माह पहले सेकंनपुर में हुई कार्रवाई के बाद जिले में रेत के अवैध खनन को लेकर कोई कार्रवाई सामने नहीं आई, लेकिन अवैध खनन का यह कारोबार ओर जिलेभर में तेजी से बढऩे लगा हैं।
यह बहुत ही गंभीर मामला है, कैसे संभव है कि किसी मशीन को राजसात किया और वह मार्केट में कामकाज कर रही हैं। फोटो उपलब्ध कराएं, इसमें कोई अधिकारी मिले है। जांच कराकर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
-नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव खनिज हमने तो पांच मशीनों को जब्त करके, थाना और माइनिंग अधिकारियों को सौंप दी थी, लेकिन अभी तक जब्ती क्यों नहीं हुई, यह देखना पड़ेगा।
-अंजली शाह, एसडीएम ब्यावरा