खिलचीपुर के दीपक मालवीय उम्र 25 वर्ष को अटेक आने के कारण शाम को जिला चिकित्सालय लाया गया था। जहां शाम सात बजे के लगभग दीपक ने दम तोड़ दिया। परिजन शव को पीएम रूम में रखवाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से संपर्क करने पहुंचे। जहां शव को रखने की बात तो कही गई। लेकिन चाबी नहीं मिलने से यहां-वहां भटकते रहे। इस बीच परिजन ने न सिर्फ सिविल सर्जन से संपर्क किया बल्कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से भी बात की। लेकिन किसी को भी चाबी की जानकारी नहीं थी। ऐसे में करीब दो घंटे तक शव को पीएम रूम के बाहर लेकर खड़े रहे। इस बीच ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बार-बार पूछने पर रूम का ताला ही तोडऩे की सलाह दे दी। हालांकि मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद प्रबंधन हरकत में आया और 12.30 बजे ताला खुलवाया गया।
बगैर पीएम कराए ही ले गए शव: रातभर व्यवस्थाओं को कोसने के बाद सुबह जब पीएम करने में ड्यूटी डॉक्टर का इंतजार करने को कहा तो परिजनों ने लिखित में दे दिया कि हमें पीएम नहीं कराना और प्रबंधन की अनुमति के बाद शव को लेकर चले गए।
इनका कहना है वर्सन-मामला अभी तक मेरी जानकारी में नहीं था। लेकिन यदि चाबी के लिए इतना इंतजार करना पड़ा। यह गलत है। मैं दिखवाती हूं। अनुसुईया गवली, सीएमएचओ राजगढ़ मामले को लेकर जांच के निर्देश दिए है। पूरी रिपोर्ट मंगवाई जा रही है। जहां चूंक या गलती हुई है उस पर कार्रवाई होगी।
कर्मवीर शर्मा, कलेक्टर राजगढ़