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बारिश न होने से खेतों में बोए बीज हो रहे खराब, करनी पड़ रही है दोबारा बोवनी!

locationराजगढ़Published: Jul 08, 2018 08:49:44 am

Submitted by:

Ram kailash napit

ब्यावरा, सारंगपुर, नरसिंहगढ़ के अलावा राजगढ़,खिलचीपुर और जीरापुर तहसील में थमी बारिश…

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Soybean not germinated due to lack of rainfall.

राजगढ़. प्रदेशभर में जारी झमाझम बारिश के बीच राजगढ़ सहित जिले की कुछ तहसीलों में मौसम अब भी शुष्क बना हुआ है। यहां एक दो बार हुई बारिश के बाद किसानों को अब भी अच्छी बारिश का इंतजार है। बारिश की खेंच से जहां शहरवासी गर्मी और उमस से परेशान है वहीं किसानों को खेतों में बोए बीज के खराब होने की अंदेशा है।

दरअसल जून माह के तीसरे हफ्ते में जिलेभर में हुई मानसूनी बरसात के बाद किसान खरीफ की बोवनी में जुट गए थे। जिले में 22-23 जून से शुरू हुआ बोवनी का सिलसिला माह के अंत तक पूर्ण कर लिया गया था, लेकिन बोवनी के बाद से ब्यावरा, सारंगपुर, नरसिंहगढ़ के अलावा राजगढ़ खिलचीपुर और जीरापुर तहसील में बारिश पूरी तरह थमी हुई है। बारिश के आभाव में तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है जिसके कारण खेतों में जमा नमी भी तेजी से सूख रही है। खेतों की इस स्थिति से खेतों में डाले गए मक्का और सोयाबीन के बीजों में सडऩे की स्थिति बनने लगी है।
हालत यह है कि राजगढ़ के आसपास करेड़ी, डंढ, रावतपुरा, कलीखेड़ा के पास कुछ किसानों को तो दोबरा बोवनी तक करनी पड़ी है। दोबारा की गई बोवनी को भी तीन-चार दिन का समय बीत चुका है, लेकिन बारिश नहीं आने से उसमें भी अब तक अकुंरण की स्थिति नहीं बन पाई है।
कृषि विभाग तकनीकि सहायक बीके राठौर के अनुसार मिट्टी में पर्याप्त नमीं की कमी और औसत तापमान में अधिकता के कारण खेत में डाले सूख रहे है। वहीं कुछ किसानों ने बोवनी के समय बीज के साथ डीएपी भी डाल दी थी। बारिश नहीं होने के कारण डीएपी मिट्टी में घुल नहीं पा रही और बीज से मिलकर उसमें सडऩ पैदा कर रही है। ऐसे खेतों में किसानों को दोबरा बोवनी करनी पड़ सकती है। वहीं नई बोवनी में भी इस बात का ध्यान रखा जाए कि बोवनी के समय तापमान 28 से 30 डिग्री के बीच हो जबकि मिट्टी में कम से कम चार इंच की नमी बनी रहे।
अब क्या करें किसान
कृषि विभाग के उपसंचालक बीएस मालवीय ने बताया कि सोयाबीन की बोवनी के लिए अनुकूल समय 15 से तीस जून होता है। इस समय बोई गई सोयाबीन को पनपने के लिए पर्याप्त समय और बाद में अनुकल तापमान मिलता है। यह समय अब निकल गया है। ऐसे में अब तक जिन किसानों ने अपने खेतों में बोवनी नहीं की है या बीज खराब होने की स्थिति बन रही है,वे अब सोयाबीन के बदले मंूग, उड़द, तिल्ली आदि की बोवनी करें। ये कम पानी कम समय की फसलें है जबकि इनसे होना वाला मुनाफा सोयाबीन से अधिक है।
कृषि विभाग के अनुसार जिले में खरीफ की फसल हैक्टेयर में
फसल लक्ष्य बोवनी अब क्या स्थिति
सोयाबीन 306000 320000 करीब 50 हजार हेक्टर में दोबारा बोवनी की जरूरत
मक्का 71000 60000 देसी बीजों से बोवनी अब पानी की दरकार
अरहर 7000 5000 जिले में उचित बाजार नहीं होने के कारण बोवनी में अरुचि
उड़द 21000 11000 सोयाबीन के खेतों में अब होगी उड़द की बोवनी
मूंग 3500 2500 बीज की कमी के कारण कम हो रही बोवनी
तिल 1600 1100 जिले के कुछ क्षेत्रों के अलावा अन्य किसानों को रुचि नहीं

जिले मेें अब तक बारिश की स्थिति
तहसील 1 जून से अब तक बारिश पिछले चार दिन में बारिश
जीरापुर 20.4 सेमी 1.6
खिलचीपुर 8.2 सेमी 4.0
राजगढ़ 9.5 सेमी 0.0
ब्यावरा 18.2 सेमी 1.1
नरसिंहगढ़ 16.0 सेमी 1.7
सारंगपुर 28.7 सेमी 3.9
पचोर 6.1 सेमी 0.0
किसानों द्वारा उपचारित बीज का उपयोग नहीं करने ओर बोवनी के बाद बारिश की कमी के कारण कुछ स्थानो पर दोबारा बोवनी की आवश्यकता है। हालांकि अब किसानों को सोयाबीन के बदले मूग, उडद, तिल आदि फसलें बोनी चाहिए। जिनसे उनके नुकसान की पूति संभावना है।
– बीएस मालवीय, उपसंचालक कृषि विभाग,राजगढ़

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