ग्रामीणों ने बताया कि पिछली बारिश का पुराना पानी उक्त कुएं में था वही सब लोग भरकर ले गए। गांव में न कोई ट्यूबवेल, न हैंडपंप न ही अन्य उपकरण है। ऐसे में उसी पुराने पानी को पीने से करीब दो दर्जन से अधिक लोगों को उल्टी-दस्त की दिक्कत हो गई। संजीवनी-१०८ के मदद से तरेना निवासी चैनसिंह (४०), शिवम (१५), रामरूप (१८), अर्जुन (३०), सुनील (१५), आशाबाई (३०), विशाल (८), राधेश्याम (२८), सविताबाई (३५), धापूबाई (३४), रामेश्वर (२१) सहित बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सहित गांव के अधिकतर लोग बीमार हो गए। सभी का अस्पताल में उपचार जारी है। सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. मनीष पालीवाल सहित अन्य की टीम को गांव में रवाना किया और वहां के मरीजों को भी डॉक्टर ने जांचा।
फॉल्ट हो गई थी बिजली, पीएचई ने किया निरीक्षण
उक्त गांव में दो दिन से बिजली नहीं होने से पानी की व्यवस्था गड़बड़ाई थी इसीलिए मजबूरन संबंधित कुएं का पानी ग्रामीणों ने पीया था। ग्रामीणों ने कहा कि बिजली नहीं थी, बिजली कंपनी का कहना है कि फॉल्ट हो जाने के कारण दिक्कत आ रही थी, जिसे बुधवार को ही सुधरवा दिया गया। वहीं,
एसडीएम के निर्देश पर पीएचई की टीम भी गांव में पहुंची जहां जांच में सामने आया कि दो वैकल्पिक जल स्रोत हैं, जो बिजली नहीं होने से बंद थे। वहीं, एक सरकारी जल स्रोत पर किसी ने मोटर लगा रखी थी जिसे हटवाकर शासकीय लगवाई गई। प्रशासनिक स्तर पर शिकायत के बाद गांव में बुधवार शाम तक पानी का इंतजाम हो गया।
गांव से सूचना आई थी कि कुछ लोग बीमार है, वहां के करीब दो दर्जन से अधिक लोग उल्टी-दस्त की चपेट में आ गए। गांव वालों ने पानी की दिक्कत बताई है, हमने टीम बनाकर भेज दी थी, पूरी रिपोर्ट आना शेष है।
-डॉ. एचसी अहीरवार, सीबीएमओ, ब्यावरा-सुठालिया
मुझे उक्त गांव में लोगों के बीमार होने की सूचना मिली थी, लोग पानी को लेकर कुछ परेशानी बता रहे थे। हमने पीएचई और स्वास्थ्य विभाग की टीम भेज दी थी। दोनों ही विभाग ने अपने स्तर पर समाधान कर दिया है।
-अंजली शाह, एसडीएम, ब्यावरा
गांव में दो दिन पहले से बिजली काट दी गई, लोगों के साथ ही मवेशियों को पानी पिलाने में भी दिक्कत आ रही है। सभी को एक साथ उल्टी-दस्त की दिक्कत आई है।
-चंदरसिंह बेडिय़ा, मरीज, निवासी तरेना।
हम भरी गर्मी में करीब दो किमी दूर से पानी लाते हैं, न किसी ने टैंकर के जरिये मदद की न ही ट्यूबवेल और हैंडपंप चल पाए। पानी के कारण ही हम बीमार पड़ गए।
-आशाबाई बेडिय़ा, महिला, निवासी तरेना।