आरटीओ, इंशोरेंस कंपनी से किया टॉयअप
एसपी ने बताया कि लोगों के अधिक से अधिक लाइसेंस बनवाने और इंशोरेंस करने के लिए हमने परिवहन विभाग के साथ ही संबंधित इंशोरेंस कंपनियों से बात की है। उक्त कंपनियां और आरटीओ की टीम उक्त पुलिस के शिविर में पहुंचेगी। यहां पुलिस द्वारा दी जाने वाली चिह्नित सूची के माध्यम से उनके लाइसेंस बनवाए जाएंगे। साथ ही जिन वाहनों के इंशोरेंस नहीं होंगे उनका हाथोंहाथ बीमा करवाया जाएगा।
हादसों की हकीकत : हेलमेट का उपयोग नहीं, कागजात भी अधूरे
राजगढ़ जिले में विभिन्न जगह हुए हादसों की हकीकत सामने आई है। इसमें अधिकतर हादसों में या तो दो पहिया वाहन चालक के पास हेलमेट नहीं है या तीन से चार लोग बैठे मिले। इसके अलावा लगभग 50 फीसदी केस में कागजात अधूरे ही रहते हैं। किसी के पास लाइसेंस नहीं होता तो किसी के वाहन का बीमा ही नहीं रहता। ऐसे में कई गंभीर हादसों में उन्हें किसी प्रकार का बीमा या अन्य मदद भी नहीं मिल पाती। इन्हीं तमाम बिंदुओं के आधार पर पुलिस ने यह शुरुआत की है। जिसके माध्यम से खुद पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है। ताकि वे सुरक्षित रह सकें और यदि कोई हादसा हो भी जाए तो कागजी तौर पर वे मजबूत रहें।
इंशोरेंस के साथ लाइसेंस बनवाएंगे
ट्रैफिक नियम बताने के लिए सख्ती ही काफी नहीं है। हमने लोगों को जोडऩे, जागरूक करने अभियान शुरू किया है। जिसके माध्यम से लोगों को तमाम नियम बता रहे हैं। इसके अलावा शिविर लगाकर संबंधित वाहन चालकों का इंशोरेंस करवाया जाएगा और जिनके पास लाइसेंस नहीं है, उनके बनवाए जाएंगे।
-प्रदीप शर्मा, एसपी, राजगढ़