जीपीएस पर डला आरओबी का स्ट्रक्चर
आइओडब्ल्यू ने बताया कि राजस्थान सीमा, खिलचीपुर से ब्यावरा तक कुल 15 आरओबी बनेंगे, जिनमें मुख्य जलबलपुर-जयपुर नेशनल हाइवे को क्रॉस करता आरओबी भी बनेगा और बाकी अन्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क को क्रॉस करते हुए भी बनेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उक्त पूरी जानकारी जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) पर भी अपलोडेड हो चुकी है। जिसका ब्यौरा सेंट्रल रेलवे अपने स्तर पर रखताहै। जीपीएस के आधार पर ही पूरे प्रोजेक्ट के स्टॉपेज, लाइन, ओवर ब्रिज, अंडर ब्रिज इत्यादि की जानकारी ली।
टीम के अनुसार मानव रहित रेलवे लाइन बनाने के लिए नई लाइन पर कहीं भी कोई मानव गेट नहीं होगा। अत्यधिक अंडरब्रिज और ओवर ब्रिज बनेंगे। रेलवे के सख्त निर्देश और सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार कहीं भी मानव गेट नई लाइन में नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि राजगढ़ में बाधा बन रहे मोहनपुरा एरिया को भी डायवर्ट कर दिया गया है। अब मोहनपुरा परियोजना में रेल्वे लाइन बाधा नहीं बनेगी। हालांकि इस बार बांध में पूरी क्षमता अनुसार जल इसलिए नहीं भर सका कि अभी लाइन डायवर्ट नहीं हो पाई है। जमीन स्तर पर अभी उसमें काम होना बाकी है।
राजस्थान सीमा से ब्यावरा तक के काम में इसलिएभी तेजी आई है कि यह हिस्सा राजस्थान में आता है। वहां की अपेक्षा मध्य प्रदेश में उक्त प्रोजेक्ट की रफ्तार काफी धीमी है। तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश की सीमा में काम को गति नहीं मिल पाईहै। पिछले साल से शुरू हुए अर्थ वर्क को भी मूर्त रूप नहीं मिल पाया। भोपाल की ओर से लाइन का काम शुरू हुआ है,लेकिन उसने भी रफ्तार नहीं पकड़ी।
2700 करोड़ से बनना है रामगंजमंडी-भोपाल लाइन।
-700 करोड़ रुपए का प्रपोजल शुरू में बना था, जिसे बाद में बढ़ाया।
-200करोड़ वर्ष-2016 में मिले थे।
-200 करोड़ इस बार के बजट में मिले।
-झालावाड़ तक चालू हो चुकी है लाइन।
-262 किमी है पूरे मार्गकी लंबाई।
(रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार)
-अविनाश कुमार, आइओडब्ल्यू, रेल मंडल, कोटा