बंद हो गया ऑक्सीजन सिलेंडर
परिजनों ने 500 रुपये जमा करके अस्पताल से दूसरा सिलेंडर लिया।लेकिन यह सिलेंडर भी खाली था, जो लगभग 20 किलोमीटर राजगढ़ की तरफ चलने के बाद बंद हो गया ऑक्सीजन सिलेंडर के बंद होने के साथ ही नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया। लेकिन परिजन प्रसूता के साथ ही नवजात शिशु को भी संजू पाठक लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया । ब्यावरा स्पंदन की लापरवाही के खिलाफ परिजन और गांव के लोगों ने जमकर हंगामा किया और बगैर देखे ऑक्सीजन सिलेंडर रखने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
यहां भी निराशा
ब्यावरा में मिली स्वास्थ सुविधाओं को लेकर परेशान परिवार जब राजगढ़ अस्पताल पहुंचा तो एसएनसीयू वार्ड के पास प्रसूता को भी बेड नहीं मिला। ऐसे में अपना बच्चा खो चुकी शिवकुमारी भी काफी देर तक जमीन पर ही लेटी रही इस ठंड भरे मौसम में भी जमीन पर बिछाने के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास कोई व्यवस्था नहीं की। ऐसे में सिर्फ एक शाल के सहारे वह जमीन पर पड़ी हुई थी और वहां भी देखने वाला कोई नहीं था।
हमारी गलती नही है
भले ही ऑक्सीजन सिलेंडर 20 किलोमीटर के बाद ही बंद हो गया। लेकिन जब इस संबंध में ब्यावरा के प्रभारी बीएमओ प्रदीप मिश्रा से चर्चा की गई तो उन्होंने इस गलती को मानने की जगह कहा कि बच्चा पहले ही कमजोर था। इसलिए रेफर किया जो सिलेंडर भेजा गया था । वह पूरी तरह से सही था ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है ,कि जिन लोगों ने इस मामले में लापरवाही की है उन पर क्या कार्रवाई होगी।