पूर्व के वर्ष में तो हालत यह रही है। कि अकेले मार्च के महीने में ही रजिस्ट्रियों के माध्यम से पूरे वर्ष के राजस्व का ४० से ५० प्रतिशत राजस्व वसूला गया है, लेकिन इस बार ३१ मार्च तक नए वित्तीय वर्ष के लिए रजिस्ट्रियों की गाइड लाइन तय नहीं हो पाई, जिसका असर भी इस साल जिले के रजिस्ट्रार कार्यालय में देखा गया। बीते साल जहां मार्च माह में करीब तीन हजार रजिस्ट्री हुई थी।
वहीं इस बार यह आंकड़ा दो हजार के करीब रहा। हालांकि एक अप्रैल से नई गाइड लाइन जारी होने की उम्मीद के चलते वर्ष के अंतिम दिन शनिवार को काफी लोग रजिस्ट्री कराने रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे, लेकिन यहां सर्वर की धीमी गति और बैंकों की लिंक फेल होने के कारण शाम तक कुछ ही रजिस्ट्रियां हो पाई थी।
दो हजार रजिस्ट्रियों पर नहीं मिला शुल्क
रजिस्ट्रार कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस साल फरवरी माह तक जिलेभर में करीब बीस हजार रजिस्ट्रियां हुई है। जबकि पिछले साल पूरे साल करीब पन्द्राह हजार रजिस्ट्री की गई थी। हालांकि इस बार हुई इन रजिस्ट्रियों में से करीब दो हजार रजिस्ट्रियां मोहनपुर और कुंडालियां डेम के लिए होने के कारण इनकी रजिस्ट्री के बदले विभाग को कोई शुल्क नहीं मिला।
इसे में बीते साल से करीब सात हजार अधिक रजिस्ट्रियां अधिक होने के बावजूद विभाग निर्धारित राजस्व लक्ष्य के करीब नहीं पहुंच पाया। जिला रजिस्ट्रार एसएम पाल ने बताया कि बीते साल विभाग को ४१.९४ करोड़ का राजस्व मिला था। इस आधार पर इस साल करीब ५२ करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन इस बार मार्च में रजिस्ट्री की दर कम रहने के कारण राजस्व का आंकड़ा ५० करोड़ के करीब पहुंचने का अनुमान है। हालांकि कुल राजस्व की जानकारी एमईएस खुलने के बाद ही मिल पाएगी।
फैक्ट फाइल पंजीयन विभाग
राजस्व लक्ष्य वर्ष २०१६-१७ ३९ करोड़
कुल प्राप्त राजस्व २०१६-१७ ४१.९४ करोड़
इस साल राजस्व लक्ष्य ५२ करोड़
फरवरी २०१८ तक ४४.८१ करोड़
मार्च अंत तक ५० करोड़ (करीब)
बीते साल रजिस्ट्री १५०६४
इस साल 20010 हजार फरवरी तक
रजिस्ट्री शुल्क के लिए अब तक नई गाइड लाइन जारी नहीं हुई है। जिसके कारण इस बार मार्च माह में रजिस्ट्री की दर सामान्य ही है। इसके बावजूद हम राजस्व लक्ष्य के करीब है। ५२ करोड़ के लक्ष्य की तुलना में हमने फरवरी तक करीब ४२ करोड़ राजस्व ले लिया था।
– एसएम पाल, डीआर राजगढ़