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काम की अवधि पूरी, अभी तक नहीं हो पाया सड़क का निर्माण

locationराजगढ़Published: Oct 20, 2016 06:39:00 am

Submitted by:

Ram kailash napit

तंवरवाड़ के सैकड़ों गांवों को राजगढ़ और ब्यावरा से जोडऩे वाली राजगढ़- संवासड़ा की सड़क के काम की अवधि बीतने को है, लेकिन अभी तक इस सड़क का आधा काम भी

Road Construction

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राजगढ़.
तंवरवाड़ के सैकड़ों गांवों को राजगढ़ और ब्यावरा से जोडऩे वाली राजगढ़- संवासड़ा की सड़क के काम की अवधि बीतने को है, लेकिन अभी तक इस सड़क का आधा काम भी नहीं हो पाया है। करीब साढ़े पांच करोड़ की लागत से सुधरने वाली इस सड़क के लिए अप्रैल माह में पटेल कन्सट्रक्शन कंपनी ब्यावरा को वर्क आर्डर जारी किया गया था।

इसके अनुसार इस सड़क पर होने वाले 14.14 किलोमीटर की डामर और 2.2 किलोमीटर की सीसी रोड सहित आठ माइनर पुलियाओं और साइड का काम अक्टूबर माह में पूरा होना था। वर्क आर्डर के अनुसार इस रोड पर होने वाले काम के लिए मिली अवधी अक्टूबर माह में पूरी हो रही है, लेकिन अभी तक सड़क पर सिर्फ पुलिया निर्माण का काम ही पूरा हो पाया है। जबकि सड़क पर होने वाले डामर का काम अभी अधूरा है और इस मार्ग के बीच में आने वाले गांवों की सीमा में बनने वाली सीसी रोड का काम तो अब तक शुरू नहीं हो पाया है।

इसके बावजूद विभाग के अधिकारी ठेकेदार पर किसी प्रकार का दबाव या कार्रवाई करने बजाय कई प्रकार की दलील देकर काम में हो रही देरी को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। एसडीओ के माने तो वर्क आर्डर के बाद काफी समय तक प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिलने के कारण काम रोक गया, लेकिन जन उनसे यहां पूछा गया कि प्रशासनिक स्वीकृति के पहले वर्क आर्डर जारी हो कैसे गया तो वे इसका स्पष्ट जवाब तक नहीं दे पाए।

वाहन चालक और लोगों को होती परेशानी
तवंरवाड़ के सैकड़ों गांवों सहित कालीपीठ और संवासड़ा जैसे बड़े गांवों को जिला मुख्यालय से जोडऩे वाली इस सड़क से होकर प्रतिदिन हजारों छोटे बड़े वाहन गुजरते है, लेकिन सडक की बदहाल स्थिति के कारण यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को खासी परेशानी तो होती ही है। साथ ही दुर्घटना का खतरा भी हर समय बना रहता है।

 यही कारण है कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व योजना समिति में आए प्रस्ताव के बाद प्रभारी मंत्री और कलेक्टर ने इस सड़क के शीघ्र निर्माण के लिए सहमति दी थी। इसके बाद आनन-फानन में सड़क की डीपीआर तैयार कर इसके टेंडर जारी कर दिए गए, लेकिन ठेकेदार की मनमानी और विभाग की उदासीनता के कारण अब तब आधा भी निर्माण नहीं हो पाया है।
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