script

बारिश थमीं लेकिन यहां के रास्ते अभी भी बंद, स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे, देखें वीडियो

locationराजगढ़Published: Oct 14, 2019 05:53:17 pm

-इन ग्रामीणों का दर्द नहीं समझ रहा कोई-कुछ गांव के लोग 14 किमी के चक्कर से घूमकर निकल रहे ग्रामीण, गांवों के मवेशियों को बाहर ले जाना भी हुआ मुश्किल-गांव में नहीं पहुंच पा रहे स्कूल वाहन सहित अन्य वाहन, मजूदरी करने आए दंपती पानी में गिरे

rain_news_rajgarh.jpg

ब्यावरा. जनता की सुविधा के लिए बनाए गए बांध उन्हीं के लिए परेशानी बन रहे हैं। क्षेत्र की महत्वपूर्ण बांकपुरा डेम परियोजना का पानी करीब पांच से छह गांवों के ग्रामीणों के लिए आफत बनी हुई है। बारिश थमने के बाद बंद किए गए गेट के कारण उक्त गांवों के रास्ते पानी से पूरी तरह से बंद हो गए हैं।


दरअसल, ब्यावरा से लगे कानडिय़ाखेड़ी, भूखनी, लालपुरिया, रपनपुरिया और तरेना के ग्रामीणों की भरपूर सोयाबीन कटौती और खेती-किसानी के सीजन में फजीहत हो गई है। न उनके बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं और न ही मवेशी जंगल में। गांव के लोगों को करीब चार से पांच फीट पानी में रिस्क लेकर बाइकें निकालना पड़ रही है। वहीं, अनजान लोग उक्त पानी में गिर, पड़ रहे हैं। करीब दो तीन साल से कायम इस परेशानी की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

रोजाना ग्रामीण परेशान हो रहे

जल संसाधन विभाग, स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन को सूचित किए जाने के बावजूद कोई समाधान नहीं हो पाया। हालात यह हैं कि गांव के लोग करीब 14 किलोमीटर के चक्कर से घुरैल जोड़, सुठालिया रोड से होकर ब्यावरा पहुंच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उक्त डेम के गेट बंद करने से पहले विभाग ने यह आश्वासन दिया था कि गांवों सड़़क बनाकर दी जाएगी, पानी से कोई दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन मुख्य मार्ग पर पडऩे वाली पुल के दोनों ओर डाली गई मूरम डेम का गेट खोल देने से बह गई, रास्ता वहां बचा ही नहीं, इसलिए रोजाना ग्रामीण परेशान हो रहे हैं।

बाइक सहित गिरे दंपती, बमुश्किल निकाला
इमरजेंसी सुविधा के लिए गांव के लोग इसी मार्ग पर पानी में ही बाइक निकालकर जैसे-तैसे निकल रहे हैं। रविवार को सोयाबीन काटने राजगढ़ के आंबासेल से आए विजयसिंह और उनकी पत्नी इस मार्ग पर हादसे का शिकार हो गए। उन्होंने आगे जा रहे अन्य बाइक सवार को देखकर बाइक तो पानी में उतार दी लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं रहा तो बाइक सहित गिर गए। इसके बाद आस-पास के ग्रामीणों ने बमुश्किल उन्हें निकाला। गांव के सूरजसिंह, मुकेश सौंधिया सहित अन्य ने बताया कि रास्ते पर पानी होने से काफी फजीहत हो रही है।


15 दिन से स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे
गांव से शहर पडऩे जाने वाले करीब दो से ढाई दर्जन बच्चों का भविष्य भी इस पानी ने उलझा दिया है। न गांव में स्कूल वाहन पहुंच पा रहा न ही बच्चे बाहर जा पा रहे। इससे उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़़ रहा है। गांव के भगवानसिंह सौंधिया, विष्णुसिंह, रामनारायण, पर्वतसिंह, रोडज़ी सहित अन्य ने बताया कि बच्चे 15 दिन से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। डेम से लेकर गांव का जो मुख्य मार्ग वह पानी के कारण बंद है। पिछली बार पुल के बगल में डाली गई मूरम भी बह गई। अभी तक विभाग ने उक्त ग्रामीणों के लिए कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किया।


हमारे एसडीओ, इंजीनियर पहुंचे हैं
उन लोगों की दिक्कत अपनी जगह सही है, लेकिन नीचे के गांव वाले पानी नहीं छोडऩे दे रहे, 100-150 लोग जमा हो गए थे। हमने एसडीओ, इंजीनियर को भेजा है, उन्होंने पानी छोडऩा शुरू करवाया है, जल्द ही रास्ता क्लीयर हो जाएगा।
-अशोक पांडेय, एसडीओ, जल संसाधन विभाग, राजगढ़

ट्रेंडिंग वीडियो