सेवाओं से हटा दो…
सचिवों ने आरोप लगाया कि यह जबरन की कार्रवाई है। यदि चुनाव संबंधी कार्य भी कई तरह के कराना है और विकास कार्य को लेकर भी कमियां निकालना है तो हमें सेवाओं से पृथक कर दो।
तमाम बातों के लिए की गई थी समीक्षा बैठक…
अधिकांश कर्मचारियों को चुनावी कार्य में लगा रखा है। फिर चाहे स्वीप से जुड़े आयोजन हो या अन्य गतिविधियां। ऐसे में विभिन्न योजनाओं के कार्यों की प्रगति में तेजी आई है, यहां लगातार पलायन मुद्दा बना हुआ है। ऐसे में ग्रामीण अंचल में चलने वाली योजनाओं के तहत मजदूरों को रोजगार मिल रहा है या फिर वहां कि परिस्थितियां क्या हैं। इन सभी बातों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी।
सीईओ ने कर्मचारियों को समझाया…
शाम चार बजे के लगभग शुरू हुई इस बैठक में जिन ग्राम पंचायतों की प्रगति में कमी थी। उनके सचिवों या रोजगार सहायकों के वेतन कटौती संबंधी कार्रवाई होने जा रही है। कुछ इस तरह की सूचना सचिवों को लगी। इसके बाद वे जनपद के बाहर आए और लगातार नारेबाजी करने लगे। बाद में सीईओ जिला पंचायत ऋषभ गुप्ता बाहर आए और विरोध कर रहे सभी कर्मचारियों को समझाया और इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही। यह कहकर सभी को बैठक में आने के लिए कहा।
आधा घंटे तक बाहर की बैठक…
जब सीईओ ने सभी को कार्रवाई न होने का आश्वासन देते हुए अंदर बुलाया तो रोजगार सहायक या सचिव अंदर नहीं गए और मंदिर के बाहर ही सामूहिक रूप से करीब आधे घंटे तक बैठक की। इसके बाद विकास कार्यों की समीक्षा बैठक शुरू की गई।
बोले- कैसे हो दस प्रकार के काम…
आचार संहिता के दौरान सबसे महत्वपूर्ण काम निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराना है, वहीं अधिक से अधिक मतदान हो। इसके लिए हर पंचायत में काम किए जा रहे है। लेकिन विभिन्न तरीके के काम एक ही समय में पूरा परिणाम नहीं दे सकते और कुछ कमियां रह सकती हैं।
सचिवों ने आरोप लगाया कि जब यह कमियां सामने आती हैं तो वेतन काटना दूर की बात उसे राजसात कर दिया जाता है। इसके बाद यह वेतन कभी नहीं मिलता।
आचार संहिता के दौरान हम कैसे कोई नया काम शुरू करें। लेकिन प्रोगेस नहीं होती, तो जबरन की कार्रवाई की जाती हैं, जो गलत हैं।
-जगदीश गुर्जर, अध्यक्ष सचिव संघ राजगढ़
उसी विषय को लेकर अभी भी सांय सात बजे भी बैठक चल रही है। विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के बाद, बात करते हैं।
-ऋषभ गुप्ता, सीईओ जिपं.राजगढ़