जिला विपणन अधिकारी राखी रघुवंशी ने बताया कि दस अप्रैल से होने वाली यह खरीदी ३१ मई तक चलेगी। इस व्यवस्था के तहत अपनी उपज बेचने के लिए जिले के १,१०,००० किसानों ने अपना पंजीयन करवाया है। हालांकि किसानों की यह संख्या एक किसान द्वारा अलग-अलग उपज के लिए अलग-अलग पंजीयन कराने के कारण पहुंची है। समर्थन मूल्य पर इन उपजों की खरीदी प्रदेश में पहली बार हो रही है और पहली ही बार में इतने अधिक किसानों के पंजीयन के कारण जिला प्रशासन खरीदी की व्यवस्था को लेकर खासा सजग है। इसी को देखते हुए कलेक्टर और संभागायुक्त द्वारा कई बार तैयारियों की समीक्षा और अधिकारियों को व्यवस्था को जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।
जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि नेफेड के लिए होने वाली इस खरीदी में उपज की गुणवत्ता ठीक होना जरूरी है।
इसके लिए नेफेड द्वारा जिले के सभी केन्द्रों पर सर्वेयर भेजे जाएंगे जो फसल की गुणवत्ता की जांच कर उसकी खरीदी की स्वीकृति देंगे। हालांकि अब तक जिले में एक भी सर्वेयर नहीं पहुंचा है। फिलहाल शासन द्वारा तय मूल्य पर उपज की खरीदी होगी जबकि बाद में इस पर प्रदेश शासन की ओर से मिलने वाले बोनस का भुगतान होगा।
कल से शुरू होने वाले खरीदी की व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को संभायुक्त ने एक बैठक का आयोजन किया था इसमें उन्होंने जिले में १,२०,००० मेट्रिक टन उपज के भंडारण की व्यवस्था के निर्देश दिए है। जिसमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा किस चने का भंडारण कहीं भी गेंहू के साथ न हो। इस व्यवस्था को ध्यान रखा जाए तो फिलहाल जिले में ९५,००० मेट्रिक टन उपज के भंडारण की ही व्यवस्था है। जबकि चने और मसूर की उपज अनुमान से अधिक आने की संभावना लगाई जा रही है। इसी स्थिति में उपज के भंडारण में तो समस्या होगी ही साथ खरीदी प्रभावित होने से किसानों के नाराज होने की संभावना भी है।
खरीदी जाने वाली फसल चना, मसूर, सरसों
पंजीकृत किसान १,१०,००० कुल किसान
खरीदी लक्ष्य १,२०,००० मेट्रिक टन
वर्तमान भंडारण व्यवस्था ९५,००० मेट्रिक टना
खरीदी केन्द्र ११ जिले की कृषि उपजमंडी
समर्थन मूल्य प्रतिक्विंटल चना ४४००,मसूर ४२५०,सरसों ४००० प्रतिक्विंटल
दस अप्रैल से खरीदी की शुरुआत होनी है, जिसके लिए सभी तैयारी कर ली है। शुरुआत में हमने करीब १,२०,००० मेट्रिक टन की खरीदी का लक्ष्य बनाया है। इसके लिए नेफेड के सर्वेयर भी जिले में आने वाले है।
राखी रघुवंशी, जिला विपणन अधिकारी राजगढ़