तो कुछ केन्द्रों पर तो पिछले दो करीब एक हफ्ते कोई भी किसान अपनी उपज लेकर नहीं पहुंचा है। ऐसे में खाद्य एवं आपूर्ति निगम के अधिकारियों द्वारा जिले के लगभग तीन दर्जन केन्द्रों को समय से पूर्व बंद करने का प्रपोजल तैयार किया है। सहकारिता उपायुक्त आरएस गौर की माने तो केन्द्रों पर किसानें के नहीं पहुंचने के कारण उन्हें बंद करने की योजना बनाई है।
इधर समय से पहले खरीदी बंद होने के बावजूद इस बार पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे है। बल्की उनसे खरीदी जाने वाले गेहूं की मात्रा भी बीते साल की तुलना में कहीं अधिक है। इस साल अच्छे समर्थन मूल्य और बाद में मिलने वाले बोनस के चलते खरीदी शुरू होने के साथ केन्द्रों पर किसान अपनी उपज लेकर पहुंचने लगे थे।
अप्रैल माह के मध्य तो लगभग हर खरीदी केन्द्र पर किसानों की भीड़ उमड़ रही थी। ऐसे में पिछले साल खरीदी की शुरुआत से लेकर अंतिम दिन तक लगभग ढाई माह में जितनी उपज खरीदी गई उसके अधिक उपज इस बार खरीदी के डेढ माह में ही कर ली गई।
बीस हजार किसान अब भी शेष
पिछले एक हफ्ते से जिले के अधिकांश केन्द्रों पर किसानों के नहीं पहुंचने से खरीदी बंद पड़ी है। इसके बावजूद अब भी करीब बीस हजार किसान अपनी उपज लेकर नहीं पहुंचे है। इस बार करीब पचार हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए पंजीयन करवाया था। शुक्रवार तक इनमें से ३०८२९ किसानों से करीब १४ लाख ३७ हजार क्विंटल उपज खरीद ली गई थी। यह आंकड़ा पिछले साल खरीदी गई उपज से करीब १३ प्रतिशत अधिक है।
पिछले एक हफ्ते से जिले के अधिकांश केन्द्रों पर किसानों के नहीं पहुंचने से खरीदी बंद पड़ी है। इसके बावजूद अब भी करीब बीस हजार किसान अपनी उपज लेकर नहीं पहुंचे है। इस बार करीब पचार हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए पंजीयन करवाया था। शुक्रवार तक इनमें से ३०८२९ किसानों से करीब १४ लाख ३७ हजार क्विंटल उपज खरीद ली गई थी। यह आंकड़ा पिछले साल खरीदी गई उपज से करीब १३ प्रतिशत अधिक है।
परिवहन की धीमी गति
अच्छे मूल्य और बोनस की चाह में भले ही इस बार जिले के किसानों ने बंपर आवक समर्थन मूल्य पर बेची हो, लेकिन इस उपज के परिवहन और भंडाराण की उचित व्यवस्था में जिले का प्रबंधन शुरुआत सुस्त रहा। खरीदी की शुरुआत से अब तक परिवहन की धीमी गति के कारण लाखों क्विंटल गेहूं असुरक्षित रूप से केन्द्रों पर पड़ा रहा। वहीं भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लाखों क्विंटल गेहूं को न सिर्फ अस्थाई कैप में रखा जा रहा है वहीं बड़ी संख्या में जिले का गेहूं अन्य राज्यों में भी भेजा गया है। नागरिक आपूर्ति निगम की माने तो अब भी करीब एक लाख क्विंटल गेहूं केन्द्रों पर ही पड़ा हुआ है।
अच्छे मूल्य और बोनस की चाह में भले ही इस बार जिले के किसानों ने बंपर आवक समर्थन मूल्य पर बेची हो, लेकिन इस उपज के परिवहन और भंडाराण की उचित व्यवस्था में जिले का प्रबंधन शुरुआत सुस्त रहा। खरीदी की शुरुआत से अब तक परिवहन की धीमी गति के कारण लाखों क्विंटल गेहूं असुरक्षित रूप से केन्द्रों पर पड़ा रहा। वहीं भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लाखों क्विंटल गेहूं को न सिर्फ अस्थाई कैप में रखा जा रहा है वहीं बड़ी संख्या में जिले का गेहूं अन्य राज्यों में भी भेजा गया है। नागरिक आपूर्ति निगम की माने तो अब भी करीब एक लाख क्विंटल गेहूं केन्द्रों पर ही पड़ा हुआ है।
समय से पहले इस लिए अधिक हुई खरीदी
– बीते वर्ष से अधिक मिले उपज के दाम, बोनस की भी घोषणा
– पानी के आभाव में पहले बोई गई फसल समय से तैयार
– बाजार में बाद में अधिक दाम मिलने की नहीं थी संभावना
– खरीदी की शुरुआत के ठीक पहले बोनस की घोषणा के बाद करीब बीस हजार किसानों ने करवाए थे पंजीयन
– बीते साल गेहूं की कम पैदावर के कारण मिले थे अच्छे दाम, जिससे इस बार गेहूं की अधिक बोवनी
– गेहूं के बाद किसानों को चना, मसूर और सरसों बेचने की जल्दी
– अप्रैल माह में बड़ी संख्या में विवाह मुहूर्त होने के चलते भुगतान की जल्दी
– बीते वर्ष से अधिक मिले उपज के दाम, बोनस की भी घोषणा
– पानी के आभाव में पहले बोई गई फसल समय से तैयार
– बाजार में बाद में अधिक दाम मिलने की नहीं थी संभावना
– खरीदी की शुरुआत के ठीक पहले बोनस की घोषणा के बाद करीब बीस हजार किसानों ने करवाए थे पंजीयन
– बीते साल गेहूं की कम पैदावर के कारण मिले थे अच्छे दाम, जिससे इस बार गेहूं की अधिक बोवनी
– गेहूं के बाद किसानों को चना, मसूर और सरसों बेचने की जल्दी
– अप्रैल माह में बड़ी संख्या में विवाह मुहूर्त होने के चलते भुगतान की जल्दी
बीते साल और इस साल की खरीदी
खरीदी वर्ष १७-१८ खरीदी वर्ष १८-१९
पंजीकृत किसान २३१०९ ५०८८७
उपज बेचने वाले किसान १८०९३ ३०६८०
किसानों से गई खरीदी क्विंटल में १२५३३८० १४३७८५८.०५ (अब तक)
परिवहन पूर्ण एक लाख मेट्रिक टन से अधिक
खरीदी वर्ष १७-१८ खरीदी वर्ष १८-१९
पंजीकृत किसान २३१०९ ५०८८७
उपज बेचने वाले किसान १८०९३ ३०६८०
किसानों से गई खरीदी क्विंटल में १२५३३८० १४३७८५८.०५ (अब तक)
परिवहन पूर्ण एक लाख मेट्रिक टन से अधिक
अधिकांश किसानों ने अप्रैल माह में ही अपनी उपज बेच दी। इसे में पिछले कुछ दिनों से कई केन्द्रों पर कोई किसान नहीं पहुंच रहा। यही कारण है कि उन केन्द्रों को बंद करने का प्रपोजन तैयार किया है। हालांकि किसानों की उपज अंतिम दिन ली जाएगी। बंद केन्द्रो से फ्री हुए तौल कांटो आदि का उपयोग चना, मसूर और सरसों की खरीदी केन्द्रों पर उपयोग किया जाएगा।
– आर एस गौर, उपायुक्त सहकारिता