किसानों की राशि कंप्यूटर ऑपरेटर राकेश प्रजापति ने अपने परिवार के कुछ सदस्यों के नाम पर ट्रांसफ र कर दी। यह राशि लाखों में थी। जबकि बैंक में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ। मामला सामने आने के बाद अपेक्स बैंक के साथ ही जिला सहकारिता बैंक के माध्यम से इसकी जांच की गई। इसमें यह सारा मामला उजागर हुआ। बताया जा रहा है की कंप्यूटर ऑपरेटर राकेश प्रजापति पर एफ आईआर की कार्रवाई करने के साथ ही उनके बैंक अकाउंट, बचत खाता, आरडी फिक्स, डिपॉजिट करंट अकाउंट में रोक लगा दी गई है।
…लेकिन एफआईआर से बचा लिया
इस पूरे मामले में जांच में सामने आया कि न सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर बल्कि प्रकरण में कैशियर नीरज कुमार व्यास और शाखा प्रबंधक सत्यनारायण खींची के साथ ही समिति प्रबंधक सीताराम कुंभकार और लिपिक सुनील कुमार शर्मा पर निलंबन की कार्रवाई की गई। जबकि प्राथमिक जांच में सहकारिता बैंक के महाप्रबंधक यह भी कहते आए थे कि सभी के खिलाफ एफ आइआर होगी। लेकिन अब इन लोगों को एफ आईआर की कार्रवाई से क्यों दूर रखा गया। यह समझ से परे है। वसूली का भी जो नोटिस जारी किया गया है। वह भी सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर राकेश प्रजापति पर ही किया गया है।
पुराने कार्यकाल की भी जांच के आदेश
तलेन शाखा में करोड़ों रुपए के घोटाले के बाद अपेक्स बैंक द्वारा शाखा प्रबंधक कैशियर के साथ ही लिपिक आदि जिन भी संस्थाओं में रहे हैं, उन संस्थाओं की भी जांच के आदेश दिए गए। फि लहाल अभी तक ऐसा कोई मामला इस आदेश के बाद सामने नहीं आया। इसमें जिला सहकारी बैंक के माध्यम से कोई जांच कराई जा रही।
यह है मामला
सहकारी बैंक तलेन में आने वाली विभिन्न सोसाइटी का लेनदेन आता है और यहां बड़ी राशि जमा होती रहती है। इसी का फायदा उठाकर बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से पिछले साल कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से लगभग 3 करोड़ रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर करा दिए गए। इसकी जांच अपेक्स बैंक के माध्यम से की गई। दिसंबर माह में राशि वसूली के लिए नोटिस जारी किए गए थे। हालांकि अभी तक ऐसी कोई वसूली होना सामने नहीं आया है। एफआईआर हुई तो उसमें भी कुछ कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
…लेकिन एफआईआर से बचा लिया
इस पूरे मामले में जांच में सामने आया कि न सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर बल्कि प्रकरण में कैशियर नीरज कुमार व्यास और शाखा प्रबंधक सत्यनारायण खींची के साथ ही समिति प्रबंधक सीताराम कुंभकार और लिपिक सुनील कुमार शर्मा पर निलंबन की कार्रवाई की गई। जबकि प्राथमिक जांच में सहकारिता बैंक के महाप्रबंधक यह भी कहते आए थे कि सभी के खिलाफ एफ आइआर होगी। लेकिन अब इन लोगों को एफ आईआर की कार्रवाई से क्यों दूर रखा गया। यह समझ से परे है। वसूली का भी जो नोटिस जारी किया गया है। वह भी सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर राकेश प्रजापति पर ही किया गया है।
पुराने कार्यकाल की भी जांच के आदेश
तलेन शाखा में करोड़ों रुपए के घोटाले के बाद अपेक्स बैंक द्वारा शाखा प्रबंधक कैशियर के साथ ही लिपिक आदि जिन भी संस्थाओं में रहे हैं, उन संस्थाओं की भी जांच के आदेश दिए गए। फि लहाल अभी तक ऐसा कोई मामला इस आदेश के बाद सामने नहीं आया। इसमें जिला सहकारी बैंक के माध्यम से कोई जांच कराई जा रही।
यह है मामला
सहकारी बैंक तलेन में आने वाली विभिन्न सोसाइटी का लेनदेन आता है और यहां बड़ी राशि जमा होती रहती है। इसी का फायदा उठाकर बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से पिछले साल कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से लगभग 3 करोड़ रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर करा दिए गए। इसकी जांच अपेक्स बैंक के माध्यम से की गई। दिसंबर माह में राशि वसूली के लिए नोटिस जारी किए गए थे। हालांकि अभी तक ऐसी कोई वसूली होना सामने नहीं आया है। एफआईआर हुई तो उसमें भी कुछ कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह है मामला
सहकारी बैंक तलेन में आने वाली विभिन्न सोसाइटी का लेनदेन आता है और यहां बड़ी राशि जमा होती रहती है। इसी का फायदा उठाकर बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से पिछले साल कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से लगभग 3 करोड़ रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर करा दिए गए। इसकी जांच अपेक्स बैंक के माध्यम से की गई। दिसंबर माह में राशि वसूली के लिए नोटिस जारी किए गए थे। हालांकि अभी तक ऐसी कोई वसूली होना सामने नहीं आया है। एफआईआर हुई तो उसमें भी कुछ कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
सहकारी बैंक तलेन में आने वाली विभिन्न सोसाइटी का लेनदेन आता है और यहां बड़ी राशि जमा होती रहती है। इसी का फायदा उठाकर बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से पिछले साल कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से लगभग 3 करोड़ रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर करा दिए गए। इसकी जांच अपेक्स बैंक के माध्यम से की गई। दिसंबर माह में राशि वसूली के लिए नोटिस जारी किए गए थे। हालांकि अभी तक ऐसी कोई वसूली होना सामने नहीं आया है। एफआईआर हुई तो उसमें भी कुछ कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।