मौजूद लोगों ने बताया कि ड्राइवर तेज गति से सड़क पर वाहन दौड़ा रहा था इसी बीच सामने से आ रही बाइक को बचाने के चक्कर में यह दुर्घटना घटित हो गई। वाहन की गति तेज होने से वह बाइक से टकरा गया और वाहन पलट गया। इसमें बाइक सवार विद्युत वितरण कंपनी के जेई पंकज पाटीदार को हाथ-पैर में गंभीर चोटें आईं हैं। उन्हें सिविल मेहताब अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल रेफ र कर दिया गया है। वहीं ग्रामीणों की मदद से सभी बच्चों को वाहन से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने को लेकर धारा 279, 337 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
नौनिहालों की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा
शहर सहित आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्कूली वाहन चल रहे हैं। लेकिन कई वाहन चालक यातायात नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। इससे नौनिहालों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। शहर के एक स्कूल में चलने वाले ऑटो वाहनों में निधारित संख्या से अधिक बच्चों को बैठाकर स्कूल ले जाया जा रहा है। वर्तमान में शहर की सड़कें भी खराब हैं। ऐसी स्थिति में कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है। कई वाहन चालकों के पास लाइसेंस भी मौजूद नहीं है। वहीं स्कूलों में दर्ज लाइसेंसी ड्राइवरों की जगह कई नौसीखिये नाबालिग बच्चे इन वाहनों को दौड़ा रहे हैं। इसको लेकर भी परिवहन एवं शिक्षा विभाग को मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
शहर सहित आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्कूली वाहन चल रहे हैं। लेकिन कई वाहन चालक यातायात नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। इससे नौनिहालों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। शहर के एक स्कूल में चलने वाले ऑटो वाहनों में निधारित संख्या से अधिक बच्चों को बैठाकर स्कूल ले जाया जा रहा है। वर्तमान में शहर की सड़कें भी खराब हैं। ऐसी स्थिति में कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है। कई वाहन चालकों के पास लाइसेंस भी मौजूद नहीं है। वहीं स्कूलों में दर्ज लाइसेंसी ड्राइवरों की जगह कई नौसीखिये नाबालिग बच्चे इन वाहनों को दौड़ा रहे हैं। इसको लेकर भी परिवहन एवं शिक्षा विभाग को मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
सरपट दौड़ रहे खटारा वाहन
बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने में लगे कई वाहनों की हालत भी खस्ता हो रही है। स्कूली वाहनों में बच्चों के लिए जरूरी सुविधाओं के साथ अटेंडर भी मौजूद नहीं रहते हैं। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चे स्वयं गाड़ी पर चढ़ते-उतरते दिखाई देते हैं। वहीं नियमों को दरकिनार कर कुछ वाहन गैस से भी चल रहे हैं। जिस जगह बच्चे बैठते हैं वहीं गैस सिलेंडर भी लगे हुए हैं, जो कि सीधे-सीधे बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ है।
बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने में लगे कई वाहनों की हालत भी खस्ता हो रही है। स्कूली वाहनों में बच्चों के लिए जरूरी सुविधाओं के साथ अटेंडर भी मौजूद नहीं रहते हैं। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चे स्वयं गाड़ी पर चढ़ते-उतरते दिखाई देते हैं। वहीं नियमों को दरकिनार कर कुछ वाहन गैस से भी चल रहे हैं। जिस जगह बच्चे बैठते हैं वहीं गैस सिलेंडर भी लगे हुए हैं, जो कि सीधे-सीधे बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ है।