गुजरात से पैदल चलकर यूपी अपने घर जा रहे मलाहरगंज के रहने वाले मजदूर संतराज उम्र 32 वर्ष उदनखेड़ी टोलटैक्स के पास अचानक तबियत खराब हो गई और थोड़ी ही देर में इनको मौत ने आगोश में ले लिया। अचानक से हुई दर्दनाक घटना से इनके साथी प्रह्लाद और धर्मेंद कुमार के बोल नहीं फूट रहे थे। संतराज की गांव पहुंचने की यात्रा अब कभी पूरी नहीं हो सकेगी।
पुणे में रोजी रोटी का जुगाड़ करने गए थे। लाॅकडाउन से भूखमरी की कगार पर पहुंच गए। छह माह की गर्भवती पत्नी के इलाज तक को पैसे नहीं। पैदल ही निकल दिए अपनी गर्भवती पत्नी केसाथ भूख व बीमारी से पार पाने के लिए। करैरा जा रहे इस दंपत्ति पर पुलिस की नजर पड़ी। पुलिस ने मानवता दिखाई और किसी वाहन से घर भेजवाने का इंतजाम कराया।
सीहोर से अलीगढ़ के लिए निकला एक दिव्यांग व तीन बच्चों के साथ एक परिवार। ब्यावरा के एबी रोड पर विनोद जाटव की पत्नी सुनीता, संजय, दारा, चांदनी, राजेश व रज्जन।
मुंबर्इ से अपने तीन बच्चों को एक लोडर में छुपकर यात्री कर रही महिला को यूपी के सुल्तानपुर जाना है। गुना में पकड़े गए लेकिन पुलिस ने मानवीयता का परिचय दिया आैर जाने दिया गांव की आेर।