बता दें कि हर बार उक्त नहर में सिंचाई को लेकर भी विवाद की स्थिति बनती है। कुछ गांव वाले रास्ते में ही पत्थर लगाकर नहर रोक देते हैं जिससे आखिरी छोर के गांव वालों तक सिंचाई का पानी ही नहीं पहुंच पाता। जिसे लेकर हर बार शासन-प्रशासन को समझाइश दिलवाना पड़ती है। अब प्राकृतिक आपदा का शिकार उक्त नहर हो गई है। अभी तक शासन की ओर से कोई रिपेयरिंग या समाधान इसका नहीं किया गया, इससे किसानों की चिंता अभी से बढऩे लगी है। आस-पास के समस्त गांव के किसानोंं ने उक्त नहर की मरम्मत करने की मांग की है।
हमारी जानकारी में उक्त नहर का मामला है। समय से उसे ठीक करवा दिया जाएगा ताकि किसानों को कोई दिक्कत न हो। जहां सिंचाई के दौरान विवाद की बात है तो जितने गांव के लोग हैं उन्हें हम दोबारा समझा देंगे।
-अशोक पांडेय, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, राजगढ़