scriptबीमा के दायरे में आएगी बांझपन, अफलन वाली सोयाबीन | see the condition of crops in Madhya Pradesh | Patrika News

बीमा के दायरे में आएगी बांझपन, अफलन वाली सोयाबीन

locationराजगढ़Published: Aug 27, 2019 05:03:42 pm

-कृषि विभाग के औसत सर्वे के हिसाब से वास्तविक नुकसान वाले क्षेत्रों में मिलेगा बीमा राशि का लाभ
-शासन स्तर पर सर्वे, क्रॉफ्ट कटिंग

बीमा के दायरे में आएगी बांझपन, अफलन वाली सोयाबीन

बीमा के दायरे में आएगी बांझपन, अफलन वाली सोयाबीन

ब्यावरा. लगातार बारिश के कारण प्राकृतिक आपदा का शिकार हुई खरीफ की प्रमुख उपज सोयाबीन पर बीमा राशि का लाभ किसानों को मिलेगा। इसके लिए शासन स्तर पर किए जा रहे औसत सर्वे, क्रॉफ्ट कटिंग के बाद फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी। औसत नुकसान के आधार पर ही किसानों को बीमा राशि का लाभ मिल पाएगा।

दरअसल, हर दिन किसान उपज लेकर तहसीलदार, एसडीएम के पास पहुंच रहे हैं, कलेक्टोरेट के साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करवा रहे हैं। सर्वाधिक बारिश के कारण सोयाबीन में बांझपन की दिक्कत आ गई, पौधों की लंबाई बढ़ गई लेकिन उमें फल नहीं आ पाया। अफलन के कारण कहीं-कहीं तो शत-प्रतिशत नुकसान हो गया। ऐसे में अब कृषि विभाग द्वारा इसे बीमा के दायरे में लाया गया है। किसानों द्वारा सीसीबी सहित अन्य बैंकों में जमा केसीसी के साथ जमा की गई फसल बीमा की प्रीमियम के आधार पर अफलन को भी भी नुकसान के दायरे में रखा गया है। बीमा कंपनियां नियमानुसार इसमें तय दरों से किसानों को भुगतान करेंगी।
किसानों को मौका ही नहीं मिला की ध्यान दें
कॉफ्ट कटिंग और सर्वे करने फील्ड में जाने वाली कृषि विभाग की टीमों ने पाया कि उन्हें उपज की देख-भाल करने का समय ही नहीं मिल पाया। मौसम में इतनी इजाजत ही नहीं दी कि उन्हें पर्याप्त दवाई, कीटनाशक का छिड़काव किया जा सके। न ही निंदाई, गुढ़ाई सहित खरपतवार नष्ट करने का मौका मिला।
इसी कारण सोयाबीन की ऐसी हालत हुई। कहीं-कहीं फल आए हैं लेकिन उन्हें ईल्ली ने नष्ट कर डाला। ईल्ली के प्रकोप के कारण भी दिक्कत आई। बता दें कि ब्लॉक वाइज कृषि विभाग की टीम जांच करने में जुटी है, फाइनल रिपोर्ट आने के बाद औसत नुकसान का आंकलन किया जाएगा।
बिना फल की सोयाबीन लेकर पहुंचे किसान
ग्राम पंचायत भीलवाडिय़ा और चाठा के किसानों ने सोमवार तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। जिसमें पूरी तरह नष्ट हो चुकी फसलें लेकर वे पहुंचे और मांग की कि हमें उचित मुआवजा दिलवाया जाए। किसानों ने कहा कि कई खेतों में तो हालात ऐसे हैं कि वहां एक प्रतिशत भी फल नहीं लगे।
इससे लागत मूल्य तो दूर कुछ भी निकल पाना मुश्किल हो रहा है। भीलवाडिय़ा सरपंच चंदरसिंह यादव, चाठा सरपंच बहादुरसिंह सौंधिया के साथ आए किसानों ने अपनी व्यथा बताी। इस दौरान चाठा के किसान किसान घीसालाल, जगदीश, मोतीलाल, राजेश, भिलवाडिय़ा के मनोहर, पन्नालाल सहित अन्य मौजूद रहे।

अभी रिपोर्ट नहीं आई, औसत आंकनल करेंगे
अभी टीम फील्ड में घूम रही है, उसी आधार पर नुकसान का औसत आंकलन किया जाएगा। अभी रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन सोयाबीन का नुकसान प्राकृतिक आपदा के कारण हुआ है। ऐेसे में बीमा राशि का लाभ किसानों को मिलेगा, इसके अलावा अतिरिक्त निर्देश निर्देश हमें नहीं मिले हैं।
– हरीश कुमार मालवीय, उप-संचालक, कृषि विभाग, राजगढ़

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो