क्या है मामला
होली की रात्रि जब कक्षा बारहवीं के छात्र अचानक ग्यारहवीं के छात्रों के बीच पहुंचे और ग्यारहवीं के जूनियर छात्रों के साथ मारपीट करने लगे। बताया जा रहा है कि 12वीं के छात्रों को ऐसा अंदेशा था कि जूनियर छात्रों ने उन्हें गाली दी है। लेकिन घायल अवस्था में राजगढ़ पहुंचे छात्रों ने बताया कि न तो हमने किसी सीनियर छात्र को गाली दी है और ना ही हम उनके बीच पहुंचे। उससे पहले ही सीनियरों ने न सिर्फ जिन पर गाली देने का अंदेशा था उन्हें, बल्कि उन छात्रों के साथ भी मारपीट की जो बीच बचाव में आए थे। छात्रों की मानें तो उन्होंने इस पूरे मामले में नवोदय विद्यालय में मौजूद शिक्षक को भी जानकारी दी। क्योंकि प्राचार्य इस समय अवकाश पर थे, मौजूद शिक्षकों ने वजह इस मामले को खत्म करने के उन्होंने और छात्रों को उकसाया। छात्रों का आरोप है कि शिक्षक से बताया तो उन्होंने कहा तुम भी लड़ो और चूडिय़ां पहन रखी है तो घर बैठ जाओ। लडऩे में मर भी जाओगे तो डेड बॉडी घर भिजवा देंगे। ऐसे में जिन छात्रों के साथ मारपीट की उन्हें सीनियरों ने परिसर से ही खदेड़ दिया। इस पूरे मामले की जानकारी जब पुलिस तक पहुंची तो खुद ने पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने इस पूरे मामले में छात्रों का मेडिकल कराया और उनके परिजनों को भी जानकारी दी, जिसके बाद परिजन थाने पहुंचे और अपने अपने बच्चों को लेकर कल घर चले गए। यहां बताना होगा कि इस संबंध में खुजनेर थाने में किसी भी तरह की कोई एफआईआर फिलहाल नहीं हुई है यही कारण है कि अब परिजन मारपीट करने वाले सीनियर छात्रों के खिलाफ एफ आईआर दर्ज हो इसके लिए कलेक्टर के समक्ष पूरी बात रखने के लिए पहुंचे।
होली की रात्रि जब कक्षा बारहवीं के छात्र अचानक ग्यारहवीं के छात्रों के बीच पहुंचे और ग्यारहवीं के जूनियर छात्रों के साथ मारपीट करने लगे। बताया जा रहा है कि 12वीं के छात्रों को ऐसा अंदेशा था कि जूनियर छात्रों ने उन्हें गाली दी है। लेकिन घायल अवस्था में राजगढ़ पहुंचे छात्रों ने बताया कि न तो हमने किसी सीनियर छात्र को गाली दी है और ना ही हम उनके बीच पहुंचे। उससे पहले ही सीनियरों ने न सिर्फ जिन पर गाली देने का अंदेशा था उन्हें, बल्कि उन छात्रों के साथ भी मारपीट की जो बीच बचाव में आए थे। छात्रों की मानें तो उन्होंने इस पूरे मामले में नवोदय विद्यालय में मौजूद शिक्षक को भी जानकारी दी। क्योंकि प्राचार्य इस समय अवकाश पर थे, मौजूद शिक्षकों ने वजह इस मामले को खत्म करने के उन्होंने और छात्रों को उकसाया। छात्रों का आरोप है कि शिक्षक से बताया तो उन्होंने कहा तुम भी लड़ो और चूडिय़ां पहन रखी है तो घर बैठ जाओ। लडऩे में मर भी जाओगे तो डेड बॉडी घर भिजवा देंगे। ऐसे में जिन छात्रों के साथ मारपीट की उन्हें सीनियरों ने परिसर से ही खदेड़ दिया। इस पूरे मामले की जानकारी जब पुलिस तक पहुंची तो खुद ने पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने इस पूरे मामले में छात्रों का मेडिकल कराया और उनके परिजनों को भी जानकारी दी, जिसके बाद परिजन थाने पहुंचे और अपने अपने बच्चों को लेकर कल घर चले गए। यहां बताना होगा कि इस संबंध में खुजनेर थाने में किसी भी तरह की कोई एफआईआर फिलहाल नहीं हुई है यही कारण है कि अब परिजन मारपीट करने वाले सीनियर छात्रों के खिलाफ एफ आईआर दर्ज हो इसके लिए कलेक्टर के समक्ष पूरी बात रखने के लिए पहुंचे।
बचते रहे प्राचार्य जबाव देने से
नवोदय विद्यालय में लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन बच्चों को स्कूलों से न निकाला जाए इसलिए प्रबंधन अंदर ही इसे दबा देता है। लेकिन यह मामला कुछ ज्यादा ही बढ़ गया। इस पर भी प्राचार्य कि यदि बात करें तो वह मामले को दबाने में लगे रहे और किसी भी तरह का जवाब दिया जाए, उस से बचते नजर आए।
थाने से धमकाया
यहां कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे परिजनों ने बताया कि एक तो खुजनेर थाने में इस पूरे मामले की एफ आईआर दर्ज नहीं की गई और उल्टा शिकायत करने आने पर परिजनों को धमकाया जा रहा है कि तुम्हारी नौकरी ही खतरे में ला देंगे, तुरंत वापस आ जाओ।
छात्रों में इतना गुस्सा क्यों
सवाल उठता है कि नवोदय विद्यालय में सभी तरह की सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं और यहां उन बच्चों का चयन होता है जो पढ़ाई में बेहतर होते हैं। लेकिन इस घटना के बाद ऐसा लग रहा है कि प्रबंधन का स्कूल में पढऩे वाले छात्रों पर कोई बस नहीं रहा है। यही कारण है कि छोटे-मोटे विवादों के बाद अब यह बड़े मामले भी सामने आने लगे हैं।
नवोदय विद्यालय में लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन बच्चों को स्कूलों से न निकाला जाए इसलिए प्रबंधन अंदर ही इसे दबा देता है। लेकिन यह मामला कुछ ज्यादा ही बढ़ गया। इस पर भी प्राचार्य कि यदि बात करें तो वह मामले को दबाने में लगे रहे और किसी भी तरह का जवाब दिया जाए, उस से बचते नजर आए।
थाने से धमकाया
यहां कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे परिजनों ने बताया कि एक तो खुजनेर थाने में इस पूरे मामले की एफ आईआर दर्ज नहीं की गई और उल्टा शिकायत करने आने पर परिजनों को धमकाया जा रहा है कि तुम्हारी नौकरी ही खतरे में ला देंगे, तुरंत वापस आ जाओ।
छात्रों में इतना गुस्सा क्यों
सवाल उठता है कि नवोदय विद्यालय में सभी तरह की सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं और यहां उन बच्चों का चयन होता है जो पढ़ाई में बेहतर होते हैं। लेकिन इस घटना के बाद ऐसा लग रहा है कि प्रबंधन का स्कूल में पढऩे वाले छात्रों पर कोई बस नहीं रहा है। यही कारण है कि छोटे-मोटे विवादों के बाद अब यह बड़े मामले भी सामने आने लगे हैं।
वर्जन। जानकारी लगने के बाद हम मौके पर पहुचे और बच्चों का समझाया लेकिन यह मामला छात्रों से जुड़ा है प्रबंधन का कहना की वह अपने स्तर से इसे निवटा लेंगे। जिन छात्रों ने गलतीकी है उन्हें सजा मिलेगी।
रजनीश सिरोठिया- थाना प्रभारी खुजनेर
रजनीश सिरोठिया- थाना प्रभारी खुजनेर