दो सप्ताह में सात सेशन हुए, फिर भी 60 फीसदी टीकाकरण
कोरोना टीकाकरण... सिस्टम वालों को ही भरोसा नहीं, जनता कैसे करेगी?
पहले स्वास्थ्यकर्मियों ने रुचि नहीं दिखाई, अब फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स भी ध्यान नहीं दे रहे

ब्यावरा.जिस रफ्तार से कोरोना वायरस (corona virus) की एंट्री जिले में हुई थी उतनी ही धीमी रफ्तार वैक्सीनेशन (vaccination) को लेकर हो रही है। स्वास्थ्य विभाग (health department) अपना टॉरगेट अचीव नहीं कर पा रहा है। अन्य जिलों की ही तरह यहां भी प्रशासनिक तंत्र के ही लोग, कर्मचारी टीकाकरण में रुचि नहीं दिखा रहे।
दरअसल, पहले स्वास्थ्यकर्मी (health workers) 70 फीसदी टॉरगेट ही पूरा कर पाए, अब दूसरे चरण में दो सेशन के बाद भी 60 फीसदी आकड़ा भी ढंग से पार कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर्स नहीं कर पाए हैं। इनमें महज पुलिसकर्मियों की संख्या टीके लगवाने में ज्यादा है, बाकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राजस्वकर्मी, पटवारी और अन्य कर्मचारियों में रुचि नहीं है। लगातार टॉरगेट मे टीकाकरण पिछड़ता जा रहा है। जिलेभर में दूसरे चरण के दूसरे सप्ताह में भी तमाम सेशन होने पर भी महज 60 फीसदी यानि 5060 के लक्ष्य में से 3769 को ही टीके लग पाए हैं। इससे आंकड़े काफी पीछे हैं।
पोर्टल के अलावा मैनुअली भी व्यवस्था, फिर भी प्रोगे्रस धीमी
कोरोना वैक्सीन (corona vaccination) के बैनिफिशियर्स को पहले पोर्टल पर दी गई जानकारी, डिटेल के आधार पर टीके लगाए जा रहे थे। लेकिन कर्मचारियों, अधिकारियों में रुचि कम दिखाई दी तो जिला स्तर पर मैनुअली भी व्यवस्था जानकारी लेकर की गई। वैक्सीनेशन टीम ने दो से तीन-तीन बार फोन कॉल्स कर भी सूचित किया लेकिन लोग टीका लगवाने नहीं पहुंचे। इसी कारण टीकाकरण की प्रोग्रेस धीमी हो गई, ढंग से रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है।
जागरूककता की कमी, कइयों को समझाया नहीं गया!
टीकाकरण अभियान (corona vaccination) को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही है। स्थानीये तौर पर फीडबैक सामने आया कि वैक्सीनेशन (vaccination) को लेकर ढंग से जागरूक नहीं किया गया न ही लोगों को इसके बारे में समझाया गया। स्वास्थ्य विभाग अपने कर्मचारियों को ट्रैनिंग देने में लगा रहा। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर प्रयास नाकाफी रहे। वहीं, वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में संदेह भरा रहा जिस पर विभागीय स्तर पर सफाई नहीं दी गई।
फैक्ट-फाइल
-7919 हेल्थ वर्कर्स को लगना थे टीके
-6092 हेल्थ वर्कर्स को लगे टीके
-76.93 प्रतिशत रहा पहले चरण का टीकाकरण
-5060 फ्रंट लाइन वर्कर्स को दूसरे चरण में लगना थेे
-3769 को ही लग पाए टीके
-60 फीसदी के आस-पासे ही हुआ टॉरगेटे
(नोट : स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार)
आम जनता की बारी कब, कुछ तय नहीं?
सरकारी अफसरों, अधिकारियों और कर्मचारियों को टीके लगवाने में ही टॉरगेट से पिछड़ रहे स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि आम आदमी को आखिरकार टीके कब लगाए जाएंगे। हालांकि राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन है लेकिन पहले स्वास्थ्यकर्मी, फिर फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स के टीकाकरण प्रोग्राम के बाद अब आम जनता का तय नहीं हो पा रहा कि इन्हें कब टीके लगेंगे, कैसे लगेंगे? कोई शुल्क होगा या कुछ अन्य मापदंड होंगे?
3769 को ही लग पाए अभी
दूसरे सप्ताह का दूसरा सेशन चल रहा है, उसमें 5060 में से 3769 को ही टीके लग पाए हैं। बाकी हमारी टीमें लगी हैं, लगातार वैक्सीनेशन तमाम सेशंस में जारी है। हम टॉरगेट अचीव करने में लगे हुए हैं। आम लोगों के टीकाकरण को लेकर फिलहाल कोई दिशा-निर्देश शासन से नहीं आए हैं।
-डॉ. एस. यदू, सीएमएचओ, राजगढ़
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